काशीपुर गन्ना अनुसंधान केंद्र में तैयार तीन नई प्रजातियों का बीज मिलेगा किसानों को

खेमराज वर्मा काशीपुर प्रदेश में गन्ने की तीन नई प्रजातियों का बीज काशीपुर न्ना अनुसंधान केंद्र की तरफ से किसानों को उपलब्ध कराया जाएगा।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 03 Oct 2021 07:11 PM (IST) Updated:Sun, 03 Oct 2021 07:11 PM (IST)
काशीपुर गन्ना अनुसंधान केंद्र में तैयार तीन नई प्रजातियों का बीज मिलेगा किसानों को
काशीपुर गन्ना अनुसंधान केंद्र में तैयार तीन नई प्रजातियों का बीज मिलेगा किसानों को

खेमराज वर्मा, काशीपुर

प्रदेश में गन्ने की तीन नई प्रजातियों का बीज काशीपुर गन्ना अनुसंधान केंद्र की तरफ से सीमित संवर्धन में किसानों को जल्द उपलब्ध कराया जाएगा। इनमें को. पंत 12221, सामान्य गन्ना प्रजाति को. पंत 12226 एवं को. पंत 13224 शामिल हैं। गन्ने के बीज के लिए किसानों को काशीपुर गन्ना अनुसंधान केंद्र और पंतनगर विश्वविद्यालय से संपर्क करना होगा। हालांकि, गन्ने की प्रति आंख पर दो रुपये चुकाने होंगे। अनुसंधान केंद्र द्वारा मानक के मुताबिक प्रति किसान को बीज की 200 से 500 आंखें दी जाएंगी।

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प्रगतिशील किसानों को पहली प्राथमिकता प्रदेश में गन्ने की खेती करने वाले प्रगतिशील किसानों को पहली प्राथमिकता दी जाएगी। काशीपुर गन्ना अनुसंधान केंद्र और पंतनगर विवि से गन्ने का बीज लेने वाले किसानों का रिकार्ड भी रखा जाएगा। ताकि संबंधित किसानों की प्रगति का पता चल सके।

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वर्जन

को. पंत 12226 25 प्रतिशत, को. पंत 13224 24 व को. पंत 12221 अन्य की तुलना में 19.9 प्रतिशत अधिक पैदावार देता है। इससे इन सभी तीनों नई प्रजातियों में अधिक मात्रा में चीनी भी पैदा होती है।

- डा. सिद्धार्थ कश्यप, कृषि वैज्ञानिक, काशीपुर गन्ना अनुसंधान केंद्र

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वर्जन

शोध से पता चला है कि गन्ने की इन तीनों प्रजातियों पर छेदक कीटों का प्रकोप नहीं होने से ये बीमारी की चपेट में नहीं आते हैं। सरकारी खेत में तैयार ये बीज सीमित मात्रा में किसानों को दिए जाएंगे।

- डा. संजय कुमार, सहायक निदेशक, काशीपुर गन्ना अनुसंधान केंद्र-उत्तराखंड

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पूसा 1692 धान को देरी से लगाने पर भी मिलता अच्छा उत्पादन

जासं, काशीपुर : कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी डा. जितेंद्र कुमार क्वात्रा एवं डा. अजय प्रभाकर ने बताया कि पूसा 1692 देरी से भी लगाने पर भी बेहतर उत्पादन देती है। उन्होंने बताया कि अरुण शर्मा के खेत में लगी यह वैरायटी पूसा 1509 से संशोधित है।

रविवार को यह जानकारी उन्होंने किसान विकास क्लब के प्रदेश अध्यक्ष अरुण कुमार शर्मा के निवास स्थान ग्राम लालपुर कालोनी, सुलतानगढ़ में आयोजित धान प्रक्षेत्र दिवस के दौरान दी।

डा. अजय प्रभाकर ने धान की 1712, 1121, तिलक, 1509 पर भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पीआर-121 भी अच्छा उत्पादन देता है। डा. क्वात्रा ने बताया कि इस बार वर्षा कम होने से फसल पर तना छेदक, भूरा फुदका माहु आदि रोग पाए गए हैं। बैठक में गेहूं की सीधी बोआई पर भी जोर दिया गया। इस अवसर पर हरि प्रकाश शर्मा, हरवीर सिंह, सतीश रावल, तेजवीर सिंह, राकेश तोमर, सत्यम शर्मा, डा. अशोक अरोरा, अनिल कुमार व प्रशांत शर्मा आदि उपस्थित रहे।

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