खटीमा और नानकमत्ता से गाजीपुर बॉर्डर रवाना हुए किसान

कृषि कानूनों के खिलाफ धरने के समर्थन कोखटीमा और नानकमत्ता के किसान भी गाजीपुर बार्डर रवाना।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 23 Sep 2021 05:11 PM (IST) Updated:Thu, 23 Sep 2021 05:12 PM (IST)
खटीमा और नानकमत्ता से गाजीपुर बॉर्डर रवाना हुए किसान
खटीमा और नानकमत्ता से गाजीपुर बॉर्डर रवाना हुए किसान

संवाद सहयोगी, खटीमा: कृषि कानूनों के खिलाफ धरने पर बैठे किसानों के समर्थन व सरकार के खिलाफ प्रदर्शन को क्षेत्र के विभिन्न गांवों से करीब 110 काश्तकार गाजीपुर बार्डर के लिए रवाना हुए है।

भारतीय किसान यूनियन से जुड़े किसान पिछले लंबे समय से गांवों में शिविर लगाकर ग्रामीणों एवं काश्तकारों को कृषि कानूनों के नुकसान के प्रति जागरूक कर रहे हैं। इस बीच गुरुवार को यूनियन के जिलाध्यक्ष गुरुसेवक सिंह के नेतृत्व में क्षेत्र के प्रतापपुर, सड़ासडि़या, सुनपहर,जादोपुर, उलानी आदि गांवों से किसान दो बसों एवं कारों में सवार होकर गाजीपुर बॉर्डर के लिए रवाना हो गए हैं। जाने से पूर्व किसानों ने प्रतापपुर गांव में सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर प्रदर्शन भी किया। यूनियन के जिलाध्यक्ष सिंह बताया कि बार्डर पहुंचकर किसान वहां चल रहे धरने-प्रदर्शन में शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि जब सरकार कृषि कानून वापस नहीं ले लेती, तब तक किसानों का आंदोलन जारी रहेगा। जल्द ही बड़ी संख्या में किसान और बार्डर पहुंचकर आंदोलन को उग्र रुप देंगे। इस मौके पर प्रीतपाल सिंह, बल्देव सिंह, जसविंदर सिंह पप्पू, इंद्र सिंह, बिट्टू सिंह, हरप्रीत सिंह, लक्खा सिंह जसप्रीत सिंह आदि मौजूद थे। कृषि काले कानून के विरोध में किसान गाजीपुर बॉर्डर रवाना

नानकमत्ता : केंद्र सरकार के काले कृषि कानून के विरोध में दिल्ली गाजीपुर बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन को मजबूती प्रदान करने के लिए गुरुवार को करीब दो सौ किसानों का जत्था रवाना हुआ। कई माह से गाजीपुर बॉर्डर पर धरने पर बैठे किसानों के समर्थन और धरने को मजबूती देने के लिए नगर व ग्रामीण इलाकों से करीब दो सौ किसानों से भरी बसों को भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष गुरसेवक सिंह एवं ब्लॉक अध्यक्ष लखविदर सिंह ने किसान मंडी समिति से हरी झंडी दिखा कर रवाना किया।

भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष गुरसेवक सिंह ने कहा है कि जब तक कृषि कानून वापस नहीं होंगे, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। किसान एकता से ही कृषि कानून वापस किया जा सकता है। आंदोलन में हम किसी प्रकार की कमी नहीं आने देंगे। समय-समय पर देश से अलग-अलग प्रदेशों के किसान आंदोलन में जाकर अपना समर्थन इसी तरह देते रहेंगे। इधर किसानों का गुस्सा कम होने का नाम नहीं ले रहा है। किसानों ने कहा है कि जिस तरह से महंगाई बढ़ चुकी है। जिससे आम जनमानस किसान, मजदूर, व्यापारी, बेरोजगार युवा रोजगार के लिए दर-दर भटक रहे हैं। तीनों कृषि कानून के विरोध में कई किसान शहीद हो गए हैं । केंद्र में बैठी भाजपा सरकार में गूंगी बहरी किसानों की सुध नहीं ले रही है। किसानों का उत्पीड़न कर रही है। जिससे किसान किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेंगे। आगामी चुनाव में किसान मोदी सरकार को मुंहतोड़ जवाब देंगे। इस मौके पर जिला अध्यक्ष गुरसेवक सिंह, ब्लॉक अध्यक्ष लखविदर सिंह, सतनाम सिंह, बलकार सिंह, बिट्टू सिंह, कुलतार सिंह नामधारी, मलूक सिंह खिडा, कमलजीत सिंह, बलजीत सिंह, गुरमुख सिंह, सुखवंत सिंह, जरनैल सिंह, हरप्रीत सिंह, जसविदर सिंह, हरमन सिंह, अवतार सिंह आदि किसान मौजूद थे।

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