कुदरत की मार से किसान बेहाल
बाजपुर में बारिश ने किसानों की कमर तोड़ कर रख दी है।
संवाद सहयोगी, बाजपुर : बारिश ने किसानों की कमर तोड़ कर रख दी है। ग्राम विक्रमपुर, इकघरा, नंदपुर नरकाटोपा, केशोवाला, रेहंटा, बेरिया दौलत, बरहैनी, बन्नाखेड़ा आदि में सैकड़ों एकड़ धान, गन्ने की खड़ी फसल जमीन पर बिछ गई हैं। धान की बालियां मिट्टी में दबकर खराब हो गई हैं। किसानों को कर्ज लेकर लगाए गए धान का आधा पैसा भी वापस आने की उम्मीद नहीं है। किसानों ने बताया कि वर्तमान में 40 से 45 प्रतिशत धान की फसल खेतों में पकी खड़ी है, जो सप्ताहभर में कटकर किसानों के घर पहुंच जाती, लेकिन कुदरत की मार से अब यह फसल पानी में बह जाएगी। तहसीलदार राजेंद्र सनवाल ने बताया कि अभी तक फसली नुकसान की मौखिक सूचना कई ग्रामों से आई है। मौसम साफ होते ही सर्वे कराया जाएगा। बाजपुर में 20एमएम बारिश दर्ज की गई है।
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कच्चे मकान व छप्पर धराशायी
विकासखंड क्षेत्र में अनेक स्थानों पर कच्चे मकान व छप्पर बारिश के चलते धराशायी होने की सूचना है। बारिश के बीच आशियाना धराशायी होने के कारण परिवार खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हो रहे हैं।
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किसानों को मिले मुआवजा
भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारियों ने कहा है कि पिछले तीन दिनों से जारी भारी बारिश की वजह से किसानों की धान, गन्ना, उड़द व बरसीम इत्यादि की फसलें पूरी तरह से चौपट हो गई हैं जिससे भारी नुकसान हुआ है। उन्होंने शासन-प्रशासन से किसानों को फसलों का मुआवजा दिलाए जाने की मांग की है।
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सभी हल्का पटवारियों को बारिश से हुई क्षति का आकलन करने के आदेश दिए जा चुके हैं, जो भी रिपोर्ट आएगी उसी के अनुरूप आपदा मद से राहत प्रदान की जाएगी।
-राजेंद्र सनवाल, तहसीलदार, बाजपुर