सिंचाई नहरों में दूषित जल छोड़ रहीं फैक्ट्रियां
सितारगंज में सिडकुल खेत के पास से बहने वाली सिंचाई नहर में फैक्ट्रियों के दूषित जल को बहाने के सिलसिले पर लगाम लगता नहीं नजर आ रहा है।
जागरण संवाददाता, सितारगंज : सिडकुल खेत के पास से बहने वाली सिंचाई नहर में फैक्ट्रियों के दूषित जल को बहाने केसिलसिले पर लगाम लगता नहीं नजर आ रहा है। शनिवार को भी सिचाई नहर में फैक्ट्रियों का दूषित पानी छोड़े जाने से नहरें झाग से भर गई। इसको देखते हुए स्थानीय ग्रामीणों में अपनी फसलों व मवेशियों को लेकर चिताएं बढ़ गई हैं। वहीं ग्राम प्रधान ने फसलों के बर्बाद होने के साथ ही मवेशियों के जान का खतरा जताते हुए प्रशासनिक अधिकारियों से इसकी शिकायत की है।
शनिवार को बरुआ बाग ग्राम से होकर बहने वाली सिचाई नहर में फैक्ट्रियों का दूषित पानी छोड़े जाने से नहर में तेज दुर्र्गध के साथ ही झाग के पहाड़ बन गए। ग्राम प्रधान कुलदीप कम्बोज ने आरोप लगाया कि दूषित जल में कीड़े रेंग रहे हैं। ग्रामीणों के मवेशी नहर का पानी पीते हैं। इस कारण उनके संक्रमित होने का खतरा है। काश्तकार खेतों में इस वक्त धान की रोपाई कर रहे हैं। दूषित जल के कारण धान की पौध बर्बाद हो रही है। ग्रामीणों में भी संक्रमण फैलने का डर बना है। उन्होंने इस गंभीर समस्या की शिकायत प्रशासनिक अफसरों से की है। आरोप लगाया कि पूर्व में भी फैक्ट्रियां चुपचाप रात को नहर में दूषित जल बहाती आ रही हैं। सिडकुल का सीईटी प्लांट में दूषित जल को ट्रीट नहीं किया जा रहा है। प्रदूषण नियत्रंण बोर्ड अधिकारी नरेश गोस्वामी ने बताया कि दूषित जल नहर में छोड़े जाने की सूचना मिली है। टीम मौके पर पहुंचकर पानी के सैंपल जांच के लिये उठायेगी। इसके साथ ही सिडकुल से सिचाई नहर तक आंतरिक दूषित जल के श्रोत को खोजा जाएगा।