लाभार्थी स्वास्थ्य प्रबंधन स्वयं करें

पंतनगर में विश्वविद्यालय के गृह विज्ञान महाविद्यालय के स्वर्ण जयंती के अवसर पर मानव विकास व पारिवारिक अध्ययन विभाग आइडीपी-नाहेप के सहयोग से 23 से 27 मार्च तक स्व-स्वास्थ्य की यात्रा स्व-समृद्धिकरण विषय पर राष्ट्रीय वर्चुवल प्रशिक्षाण् कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 21 Mar 2021 07:18 PM (IST) Updated:Sun, 21 Mar 2021 07:18 PM (IST)
लाभार्थी स्वास्थ्य प्रबंधन स्वयं करें
लाभार्थी स्वास्थ्य प्रबंधन स्वयं करें

जागरण संवाददाता, पंतनगर : विश्वविद्यालय के गृह विज्ञान महाविद्यालय के स्वर्ण जयंती के अवसर पर मानव विकास एवं पारिवारिक अध्ययन विभाग, आइडीपी-नाहेप के सहयोग से 23 से 27 मार्च तक स्व-स्वास्थ्य की यात्रा:स्व-समृद्धिकरण विषय पर राष्ट्रीय वर्चुवल प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता व आइडीपी-नाहेप के परियोजनाधिकारी डा. शिवेंद्र कुमार कश्यप ने कहा कि प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य कोरोना काल में जनमानस को स्वास्थ्य प्रबंधन विषय पर ज्ञान संवर्धन करना है ताकि लाभार्थी अपने दैनिक जीवन में स्वास्थ्य प्रबंधन स्वयं ही कर सकें।

इस अवसर पर गृह महाविद्यालय के अधिष्ठात्री डा. अल्का गोयल ने कहा कि महाविद्यालय के स्वर्ण जयंती वर्ष में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा चुका है। उन्होंने प्रशिक्षणार्थी इस प्रशिक्षण से प्राप्त ज्ञान को जनमानस को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने में लगाएं। तभी हमारा प्रशिक्षण सफल होगा। इसमें सबका सहयोग जरूरी है। प्रशिक्षण कार्यक्रम की समन्वयक डा. ऋतु सिंह ने बताया कि स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता लाने के लिए विभिन्न कार्य दिवसों में प्रख्यात वैज्ञानिक उप निदेशक शारीरिक शिक्षा मणिपाल विवि डा. सीमा पूनिया, मानसिक स्वास्थ्य प्रशिक्षिका डा. निशा खन्ना, प्राध्यापक वित्त विभाग रिलाइंस विवि बैंगलुरू डा. एसपी सिंह, प्रख्यात वैज्ञानिक मानव विकास एवं पारिवारिक अध्ययन विभाग हैदराबाद डा. नीरा धार, प्रशिक्षण संस्थान, राष्ट्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण संस्थान नई दिल्ली की डा. पुष्पा खादी आदि प्रशिक्षणार्थियों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक बनाने हेतु ज्ञान संवर्धन करेंगे। प्रशिक्षण कार्यक्रम के आयोजन समिति में डा. मनीषा गहलोत, डा. रागिनी मिश्रा, निहारिक बिष्ट, मनीषा मेहरा आदि मौजूद थे।

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