आपदा ने दिया जख्म, भरने में लगेंगे वक्त
भारी बारिश ने मुखर्जी नगर खेड़ा ट्रांजिट कैंप भूत बंगला जगतपुरा में लोगों के मकान दुकान सहित रोजगार के छोटे साधनों पर कहर बरपाया।
जासं, रुद्रपुर : भारी बारिश ने मुखर्जी नगर, खेड़ा, ट्रांजिट कैंप, भूत बंगला, जगतपुरा में लोगों के मकान, दुकान सहित रोजगार के छोटे साधनों पर कहर बरपाया। इससे न केवल रोजगार देने वाले लघु व्यापारियों की कमर टूट गई, बल्कि हजारों की संख्या में यहां से रोजगार पाकर अपना गुजर बसर करने वाले परिवार उजड़ गए। घर में न खाने के लिए एक दाना बचा और न पहनने के लिए तन के कपड़े। ऊपर से प्रशासन की तरफ से नुकसान का आकलन करने पहुंची टीम कहीं पहुंच रही तो कहीं खानापूरी करके लौट आ रही। जागरण ने आपदा के पांचवें दिन वार्ड नंबर पांच मुखर्जी नगर पहुंचकर आपदा से पीड़ित लोगों का हाल जाना।
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बारिश जिस दिन से हो रही थी, उस रात मेरे पति ने एसडीएम व दूसरे प्रशासनिक अधिकारियों को 10 से 20 बार तक फोन मिलाया, लेकिन फोन पर आश्वासन के अतिरिक्त कुछ नहीं मिला। हाल यह रहा कि एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की तरफ से भी बोट नहीं भेजी जा सकी। काफी मशक्कत के बाद लोगों को घरों से निकाला जा सका।
-प्रीती साना, पार्षद, मुखर्जीनगर
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बारिश के कारण मेरा घर पूरी तरह टूट गया है। घर में रखा अनाज बह गया और जो नकदी रखी थी वह भी चली गई। प्रशासन की तरफ से टीम आकर नाम लिख ले गई। न तो टीम ने घर के अंदर नुकसान की जानकारी ली और न कोई पूछताछ की। इस
-विपुल राय, आपदा पीड़ित
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घर में रखे सारे कपड़े पानी में बह गए। खाने के लिए कुछ नहीं बचा है। घर का खर्च चलाने के लिए सिडकुल में नौकरी कर रहे थे। बीते पांच दिनों से घर में ही हैं और मकान एक कोने में गिर गया था उस को दुरुस्त करने के लिए रुपये भी नहीं हैं।
-पूनम विश्वास, आपदा पीड़ित
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घर पर पीपीई किट बनाकर करीब 30 से अधिक महिलाओं को रोजगार दे रखा था। चार मशीनें सिलाई के लिए लगा रखी थीं। पानी के सैलाब ने सब कुछ खत्म कर दिया। करीब चार लाख रुपये का माल पानी में भीग गया। जो कि अब सप्लाई के लायक नहीं बचा है।
-गणेश सरकार, लघु उद्यमी व आपदा पीड़ित
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एसडीएम बोले आपदा पीड़ित परिवारों के नुकसान का आकलन कर रहीं टीमें
एसडीएम रुद्रपुर प्रत्यूष सिंह ने कहा कि बीती गुरुवार से नुकसान का आकलन करने के लिए 10 टीमें राजस्व की सर्वे कर रही हैं। पीड़ित परिवारों के साथ प्रशासन की सहानुभूति है। कहीं भी किसी के साथ अन्याय नहीं होने देंगे। रेहड़ी, खोमचे व दूसरे छोटे कामगारों को भी सर्वे में लिया जा रहा है। नुकसान की भरपाई के लिए जो शासन से निर्देश मिलेंगे उसके अनुसार मदद दी जाएगी।