ंगंगा दशहरा पर्व पर श्रद्धालुओं ने कौशिकी में किया स्नान

बाजपुर व सुल्तानपुर पट्टी के क्षेत्रों के लोगों ने कोसी नदी पर पहुंचकर गंगा दशहरा पर्व पर आस्था की डुबकी लगाई।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 20 Jun 2021 11:14 PM (IST) Updated:Sun, 20 Jun 2021 11:14 PM (IST)
ंगंगा दशहरा पर्व पर श्रद्धालुओं ने कौशिकी में किया स्नान
ंगंगा दशहरा पर्व पर श्रद्धालुओं ने कौशिकी में किया स्नान

जागरण टीम, बाजपुर/सुल्तानपुर पट्टी : नगर व आसपास के क्षेत्रों के लोगों ने कोसी नदी पर पहुंचकर गंगा दशहरे पर्व पर आस्था की डुबकी लगाई। इस दौरान श्रद्धालुओं ने विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर बच्चों का मुंडन संस्कार करवाया। इस दौरान शिव मंदिर परिसर में भंडारे का आयोजन भी किया गया जिसमें सैकड़ों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया।

ज्येष्ठ शुक्ल दशमी को मैया गंगा पृथ्वी पर अवतरित हुईं। मान्यता है कि इस दिन गंगा नदी में स्नान करने से मानव के 10 पापों का विनाश होता है। इसलिए इस पर्व को दशहरा का नाम दिया गया है। रविवार को नगर व आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से श्रद्धालु कोसी नदी पुल के घाट पर पहुंचे, जहां उन्होंने अपनी-अपनी मांगी गई इच्छाओं की पूर्ति तथा इच्छापूर्ति के लिए आस्था की डुबकी लगाई। तत्पश्चात शिव मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं ने विधि-विधान के साथ पूजा अर्चना की। शिव मंदिर के पुजारी रामअवतार गिरी बताते हैं कि इस पर्व पर लोगों द्वारा अपने बच्चों की दीर्घायु तथा रोगों से निजात के लिए मुंडन संस्कार भी कराते हैं जिसकी बहुत मान्यता है। इस दौरान शिव मंदिर कमेटी तथा श्रद्धालुओं द्वारा मन्नत प्राप्ति पर संयुक्त रूप से भंडारे का भी आयोजन किया जाता है। इस अवसर पर उत्तर-प्रदेश के रामपुर जनपद के मिलक, हसनपुर, मिलक नौखरीद, मसवासी, बिजार खाता, स्वार, खोद आदि दर्जनों गांव के ग्रामीण भी यहां पहुंचकर आस्था का लाभ उठाते हैं। वहीं बाजपुर में भी ज्येष्ठ माह में पड़ने वाले गंगा दशहरा का पर्व श्रद्धाभाव के साथ मनाया गया। कोविड-19 की वजह से गंगा स्नान को हरिद्वार, ब्रजघाट गढ़मुक्तेश्वर आदि तीर्थ स्थलों पर जाने वाले लोगों ने अपने घरों में ही पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान किया। साथ ही पूजा-अर्चना कर घर-परिवार में सुख-समृद्धि की कामना की।

सुल्तानपुर पट्टी : इस बार कोरोनाकाल के साथ ही कोसी नदी का जलस्तर बढ़ने तथा गंदा पानी होने के कारण श्रद्धालुओं की संख्या में काफी कमी देखी गई। वहां लोगों का कहना था कि प्रशासन द्वारा नदी पर कोई भी स्थाई घाट नहीं बनाया गया और साथ ही खनन माफिया ने खनन चुगान के लिए मशीनों का प्रयोग कर नदी में जगह-जगह गहरे गड्ढों में तब्दील कर दिया है जिससे यहां आने वाले श्रद्धालुओं में डूबने की भी आशंका बनी रहती है।

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