नगर पालिका अध्यक्ष से वार्ता के बाद बनी सहमति
किच्छा में नगर पालिका अध्यक्ष दर्शन कोली से लंबी वार्ता के बाद हड़ताल पर गए आउटसोर्स कर्मचारी काम पर वापस लौट आए।
जागरण संवाददाता, किच्छा : नगर पालिका अध्यक्ष दर्शन कोली से लंबी वार्ता के बाद हड़ताल पर गए आउटसोर्स कर्मचारी काम पर वापस लौट आए। वार्ता के दौरान छह मांगों पर सहमति बन गई। नगर पालिका अध्यक्ष दर्शन कोली ने कर्मचारियों से नगर को स्वच्छ बनाए रखने के लिए अपना बेहतर योगदान दे लोगों की सेवा का आह्वान किया।
नगर पालिका कर्मचारी पिछले तीन दिनों से हड़ताल पर चल रहे थे। शुक्रवार देर रात नगर पालिका अध्यक्ष दर्शन कोली के साथ लंबी वार्ता के बाद बनी सहमति के बाद कर्मचारियों ने काम पर लौटने का निर्णय कर लिया था। जिन मांगो पर सहमति बनी उनमें वन टाइम सेटेलमेंट के आधार पर नियुक्त कार्मिकों की सेवाकाल में मृत्यु हो जाने के उपरांत आश्रितों को नियमित नियुक्ति प्राप्त होने तक आउटसोर्स पर रखे जाने, 30 पर्यावरण मित्रों व 14 कार्यालय कार्मिक को प्रभारी अधिकारी के कार्यकाल में आउटसोर्स में कर दिए जान की स्थिति में पुन: व्यवस्था के तहत संविदा पर रखे जाने, एरियर का भुगतान दो किश्तों में किए जाने, समान वेतन दिए जाने संबंधित मांग शामिल है। सहमति बनने के बाद कर्मचारी शनिवार से काम पर लौट आए। वार्ता के दौरान उप शाखा अध्यक्ष विनोद कुमार, महासचिव राहुल कुमार, सूरज वाल्मीकि, राजेंद्र कुमार, सचिन चरन, प्रदीप कुमार, आकाश, रमेश, अमित कुमार मौजूद थे। वेतन में कटौती पर भड़के स्वजल कर्मी
जागरण संवाददाता, रुद्रपुर : स्वजल कर्मचारी संघ के कार्यकर्ताओं ने सरकार की ओर से जारी भत्तों में कटौती, वेतन भुगतान न होने, कर्मचारियों के कर्मचारी भविष्य निधि अंशदान में भी जमा की गई धनराशि का भी वसूली के आदेश से आक्रोश है। अधिकारी स्वजल से संबंधित कार्यक्रमों को असफल करने का पूरा मन बना चुके हैं।
स्वजल परियोजना संघ के प्रदेश अध्यक्ष संजीव श्रीवास्तव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मिशन मोड में संचालित द्वितीय चरण की योजनाओं को पूरा करने वाले स्वजल निदेशालय, राज्य जल, स्वच्छता मिशन एवं जिला जल एवं स्वच्छता मिशन में 25 वर्षों से कार्यरत कार्मिकों का शोषण किया गया। कर्मचारियों को 11 माह तक वेतन एवं भत्तों से वंचित रखा व बाद में एक चौथाई राशि का भुगतान किया। कहा कि वेतन व भत्तों में कटौतियों के साथ ही भविष्य निधि, अंशदान में भी जमा की गई धनराशि का भी वसूली के आदेश निर्गत किए गए हैं। कर्मचारियों के साथ इस प्रकार का सौतेला व्यवहार करने से मिशन मोड में इन कार्यक्रमों में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई जा रही है। कर्मचारियों ने कटौती न किए जाने की मांग की है।