जानवरों को मिली 'पनाह' , बच्चों की भी 'ख्वाहिश' पूरी

काशीपुर में जानवरों को सड़क हादसे से बचाने के लिए युवाओं और बच्चों की टीम ने तैयार किए रेडियम रेफलेकिक्टव कालर।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 07 Dec 2020 11:59 PM (IST) Updated:Mon, 07 Dec 2020 11:59 PM (IST)
जानवरों को मिली 'पनाह' , बच्चों की भी 'ख्वाहिश' पूरी
जानवरों को मिली 'पनाह' , बच्चों की भी 'ख्वाहिश' पूरी

जागरण संवाददाता, काशीपुर: काशीपुर में जानवरों को सड़क हादसे से बचाने के लिए युवाओं और कचरा बीनने वाले बच्चों की 'ख्वाहिश' नामक टीम रेडियम रिफ्लेक्टिव कालर बना रहे हैं। अभी तक 200 से ज्यादा जानवरों के गले पर यह कालर लगाया गया है। ऐसे में सड़क पर वाहन चालक दूर से ही जानवरों को देखकर समय रहते ब्रेक लगा जानवरों को हादसों का शिकार होने से बचा सकेंगे।

सर्दी में रात को कोहरे के दौरान अक्सर वाहनों की टक्कर से सैकड़ों जानवरों की रोज मौत हो जाती है। 'ख्वाहिश' के सदस्य दुर्घटनाओं में घायल जानवरों को प्राथमिक उपचार देने के लिए तत्पर रहते हैं। अभी तक 300 से ज्यादा जानवरों की मदद की जा चुकी है। 'ख्वाहिश' की हेड आयुषी नागर के अनुसार सर्दी में खासकर कोहरे के समय जानवर सबसे ज्यादा सड़क हादसों का शिकार बनते हैं। ऐसे में बच्चों व युवाओं की मदद से रिफलेक्टिव कालर बनाया जा रहा है। 'ख्वाहिश' में 50 से ज्यादा युवा व बच्चे शामिल

'ख्वाहिश' टीम में तकरीबन 50 से ज्यादा युवा और बच्चे शामिल हैं। स्कूली शिक्षा से दूर ये बच्चे पटरियों के किनारे कूड़ा बीनते थे। इस संगठन ने इनको पढ़ाई से जोड़ते हुए आत्मनिर्भर बनाने के लिए सिलाई भी सिखाई है। बच्चे अब अपने हुनर के दम पर रिफ्लेक्टर बना रहे हैं। इसके लिए बेकार पड़े कपड़ों से पट्टे तैयार कर बाहरी हिस्से में रेडियम लगाया जाता है। कालर बनाने पर इनकी आमदनी भी हो जाती है। ऐसे में कूड़ा-कचरा बीनने की जरूरत भी नहीं पड़ती। आवास विकास में संस्था के कार्यालय में इन बच्चों को पढ़ाने के साथ आत्मनिर्भर बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। 'पनाह' मुहिम को भी पूरे देश में सराहा

काशीपुर में बेसहारा पशुओं को ठंड से बचाने के लिए नवंबर से ही 'पनाह' मुहिम भी चल पड़ी है। आयुषी ने फेसबुक के जरिये लोगों से घर के बाहर दरी और खाने का समान रखने की अपील की थी। इस मुहिम को लोगों ने हाथों-हाथ लिया है। कई घरों के बाहर लोगों ने बेसहारा पशुओं के लिए दरी व बारदाना बिछा रखा है। इस मुहिम से जुड़े लोगों का कहना है कि सर्दी के मौसम में बेसाहारा पशुओं के लिए सेल्टर बनाने का प्रयास भी किया जाएगा।

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