हर जरूरतमंद तक ऑक्सीजन सिलिडर पहुंचा रहा कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य की टीम

बाजपुर में संक्रमित मरीजों को ऑक्सीजन सिलिंडर उलपब्ध कराने के लिए कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य ने शुरू की पहल।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 06 May 2021 05:36 PM (IST) Updated:Thu, 06 May 2021 05:36 PM (IST)
हर जरूरतमंद तक ऑक्सीजन सिलिडर पहुंचा रहा कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य की टीम
हर जरूरतमंद तक ऑक्सीजन सिलिडर पहुंचा रहा कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य की टीम

संस, बाजपुर : एक तरफ जहां देशभर में ऑक्सीजन सिलिडर की भारी किल्लत बनी हुई है और इसको लेकर प्रभावित परिवारों के साथ ही सरकारें काफी परेशान हैं। ऐसे में बाजपुर के कोरोना संक्रमित लोगों की ऑक्सीजन की वजह से जान न जाए इसके लिए कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य द्वारा बनाई गई है, जोकि हर जरूरतमंद तक निश्शुल्क ऑक्सीजन सिलिडर एक फोन कॉल मिलने पर तुरंत मुहैया करा रही है। युवा भाजपा नेता राहुल वर्मा ने बताया कि क्षेत्रवासियों की मांग पर कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य के दिशा-निर्देशों पर एक टीम का गठन किया और यह टीम अब तक 100 के करीब जरूरतमंद लोगों को ऑक्सीजन सिलिडर उपलब्ध करा चुकी है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 से संक्रमित क्षेत्र के कई लोगों की जान जा चुकी है, ऐसे में लोगों की जान को बचाने के लिए कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य द्वारा ऑक्सीजन सिलिडर वितरण का कार्य कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन सिलिडर मिलने के बाद लोग टीम के साथ ही कैबिनेट मंत्री का आभार व्यक्त कर रहे हैं। ऑक्सीजन सिलिडर के लिए सांकेतिक धरना

रुद्रपुर : ऑक्सीजन सिलिडरों की मांग को लेकर कांग्रेस जिला महासचिव सुशील गाबा ने गुरुवार को अपने आवास पर सांकेतिक धरना दिया। इस दौरान उनका कहना था कि देश को जितने ऑक्सीजन सिलिडरों की जरूरत है, उतना भारत में रोज बन सकता है, लेकिन देश भर में ऑक्सीजन सिलिडर की कमी है। गुजरात में देश के दो तिहाई ऑक्सीजन सिलिडर बनते हैं। 10 दिनों से सभी प्लांट्स में ताला बंद है। इसकी वजह सरकार द्वारा ऑक्सीजन को केवल मेडिकल प्रयोग में लाने का आदेश पारित कर इसको औद्योगिक कारखानों को सप्लाई करने से मना कर दिया। पाबंदी के इस आदेश में ऑक्सीजन सिलिडरों के कारखानों को भी लपेट लिया गया। 27 अप्रैल को केंद्र सरकार का ध्यान गया तो राज्य की भाजपा सरकार को स्पष्टीकरण जारी कर ऑक्सीजन सिलिडर बनाने वाले कारखानों को लिक्विड ऑक्सीजन की आपूर्ति करने को कहा। सरकार का यह आदेश कागजों में ही सिमटकर रह गया। परिणामस्वरूप आज तक यह उद्योग बंद हैं।

chat bot
आपका साथी