जीबी पंत विश्वविद्यालय में कृषि शिक्षा की बेहतरी व चुनौतियों पर मंथन

रुद्रपुर में राष्ट्रीय कृषि शिक्षा दिवस पर कृषि शिक्षा की बेहतरी व देश के समक्ष कृषि से जुड़ी चुनौतियों से निपटने के लिए कृषि विज्ञानियेा ने किया वर्चुअल राष्ट्रीय सेमिनार में गहन मंथन।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 04 Dec 2020 12:29 AM (IST) Updated:Fri, 04 Dec 2020 12:29 AM (IST)
जीबी पंत विश्वविद्यालय में कृषि शिक्षा की बेहतरी व चुनौतियों पर मंथन
जीबी पंत विश्वविद्यालय में कृषि शिक्षा की बेहतरी व चुनौतियों पर मंथन

जासं, रुद्रपुर : राष्ट्रीय कृषि शिक्षा दिवस पर कृषि शिक्षा की बेहतरी व देश के समक्ष कृषि से जुड़ी चुनौतियों से निपटने के लिए कृषि विज्ञानियों ने वर्चअुल राष्ट्रीय सेमिनार में गहन मंथन किया। चुनौतियों से निपटने में पंत विवि की अहम भूमिका रही और भविष्य में भी रहेगी। पंत विवि देश में कृषि शिक्षा की जननी है। राष्ट्रीय शिक्षा दिवस पूर्व राष्ट्रपति स्व. राजेंद्र प्रसाद की जयंती के रूप में मनाया जाता है। इस मौके पर गोविद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विवि के फैकल्टी डेवलपमेंटर सेंटर के तत्वावधान में गुरुवार को राष्ट्रीय वर्चुअल सेमिनार आयोजित हुआ। इसमें क्वालिटी कंसर्न इन एग्रीकल्चरल एजुकेशन ए फ्यूचरिस्टिक आउटलुक विषय पर केंद्रीय कृषि विवि इंफाल के पूर्व कुलपति व पद्म भूषण प्रोफेसर आरबी सिंह ने कहा कि अब शिक्षा की गुणवत्ता का जमाना है। दुनिया में स्पर्धा में बने रहने के लिए कृषि विवि जरूरत के हिसाब से नए कोर्स तैयार करें और संस्थान का भी विकास करें। एएयू जोरहट के पूर्व कुलपति प्रोफेसर एएन मुखोपाध्याय ने कहा कि पंत विवि देश में कृषि शिक्षा की जननी है। देश का पहला कृषि विवि है। पंत विवि की भूमिका को देखते हुए इसे राष्ट्रीय कृषि विवि की मान्यता मिलनी चाहिए। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद दिल्ली के कृषि शिक्षा के डीडीजी डाक्टर आरसी अग्रवाल ने कहा कि विश्व बैंक ने यह खुद स्वीकारा है कि जितनी परियोजनाओं को बजट दिया है, उनमें राष्ट्रीय कृषि उच्चतर शिक्षा परियोजना यानि नाहेप ने सबसे अच्छा काम किया है। कहा कि इनमें अहम भूमिका पंत विवि के नाहेप की है। पंत विवि के कृषि महाविद्यालय के डीन व नाहेप के परियाजना अधिकारी डाक्टर शिवेंद्र कुमार कश्यप ने विवि की स्थापना से लेकर अब तक और कोरोना काल में किए गए नए किए गए प्रयोग पर प्रकाश डाला। संचालन अनुवांशिकी एवं पादप प्रजनन विभाग के अध्यक्ष डाक्टर सलील तिवारी, धन्यवाद ज्ञापन डाक्टर किरन रावेरकर ने किया। इस मौके पर नाहेप के नोडल अधिकारी डाक्टर एसके गुरु आदि मौजूद थे।

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