हरिपुरा जलाशय में पलटी नाव, महिला की मौत

गूलरभोज क्षेत्र के हरिपुरा जलाशय में डूबी नाव 15 लोग डूबे जिसमें से एक की मौत।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 26 Nov 2020 07:19 PM (IST) Updated:Thu, 26 Nov 2020 07:20 PM (IST)
हरिपुरा जलाशय में पलटी नाव, महिला की मौत
हरिपुरा जलाशय में पलटी नाव, महिला की मौत

संवाद सूत्र, गूलरभोज : सेमलचौढ़ घाट से आ रही नाव हरिपुरा जलाशय के बीच में पलट गई। जिससे नाव पर सवार करीब पंद्रह लोग पानी में गिर गए। ग्रामीणों ने डूबते लोगों को बचाया। इस दौरान एक महिला अचेत अवस्था में थी। लोगों ने उसे सीएचसी गदरपुर पहुंचाया। जहां चकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। नाव चालक के अनुसार कुछ युवतियों के पानी के साथ खेलने के दौरान नाव तिरछी हुई और डूब गई। पुलिस हादसे की जांच में जुट गई है।

खेतीबाड़ी, जलौनी के लिए लकड़ियों आदि के लिए स्थानीय ग्रामीण हरिपुरा जलाशय से सेमलचौढ़ घाट तक नाव से हर रोज आवाजाही करते हैं। नाव चालक सोहनलाल के मुताबिक गुरुवार दोपहर करीब साढ़े बारह बजे करीब एक पुरुष, दो बच्चे सहित 12 महिलाएं और युवतियां लकड़ियों के 12 गट्ठर व दो बाइकों के साथ नाव में सवार थे। जिन्हें वह सेमलचौढ़ घाट से बाहर लाने लगा। इस बीच मझदार में पहुंचे ही नाव अचानक असंतुलित होकर पानी में पलट गई। जिससे नाव सवार सभी लोग पानी में गिर गए। चीख-पुकार सुनकर जलाशय पर चहल कदमी कर रहे स्थानीय ग्रामीणों ने जान पर खेलकर पानी में गिरे लोगों को बमुश्किल बाहर निकाला। जिसमें कॉलोनी रोड वार्ड छह निवासी आशा पत्नी राजू डोगरा बेहोशी की हालत में थी। स्थानीय लोग महिला को सीएचसी गदरपुर लाए, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। महिला की मौत की जानकारी मिलते ही ससुराल और पास स्थित मायके में कोहराम मच गया।

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बेटे को बचाने के लिए कुर्बान कर दी जान

गूलरभोज : जलाशय भीतर खेतीबाड़ी का काम निपटाकर वार्ड छह निवासी राजू डोगरा अपनी पत्नी आशा और 12 वर्षीय पुत्र सुमित व बाइक के साथ नाव में सवार हो गया। बताया गया कि नाव के पलटते ही आशा खुद की परवाह न करते हुए बेटे सुमित को बचाने लगी। इस कोशिश में वो पानी के गहरे प्रवाह में फंस गई। अफरा-तफरा और एक-दूसरे को बचाने की जद्दोजहद में जब तक आशा को बाहर निकाला गया तब तक काफी देर हो चुकी थी।

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युवतियों की अठखेलियां बनी काल

गूलरभोज : नाव चालक सोहनलाल के अनुसार नाव में ज्यादातर युवतियां गांव कोपा ठंडा नाला की निवासी थीं। उसने बताया कि पालतु मवेशियों के घास वास्ते कमोबेश हर रोज इनकी नाव से आवाजाही होती है। नाव में बैठी युवतियां बार-बार मना करने के बाद भी पानी से अठखेलियां कर रही थीं। इसी दौरान नाव तिरछी होती हुई पानी में पलट गई।

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