आग की चिगारी से क्षण भर में अरमान जल गया
गदरपुर में जिन घरों को खून पसीने की कमाई से बनाया उसे बर्बाद होने में कुछ समय ही लगा।
संवाद सूत्र, गदरपुर : जिन घरों को खून पसीने की कमाई से बनाया, उसे बर्बाद होने में कुछ समय ही लगा। पाई पाई जमाकर किए रुपये से घरों को जलते देख पीड़ितों को समझ नहीं आ रहे था और वह सिर पर हाथ रखकर रोते दिखे। उनकी आंखों के आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे।
ग्राम पिपलिया नंबर 2 में मंगलवार की देर रात आंधी तूफान के बाद गेहूं के खाली खेत में उठी चिगारी ने 8 घरों को क्षण भर में जलाकर राख कर दिया। जिसे बनाने में परवीर मंडल, प्रशांत मंडल, सुभाष मंडल, सुखदेव मंडल, संजय मंडल, निमाई राय, अनीता ने धूप, गर्मी, बरसात को बर्दाश्त करते हुए भूमि का कुछ हिस्सा खरीदा और दीवार खड़ी कर टीन शेड डालकर रहने लायक बनाया। मन को तसल्ली हुई कि अब छत होने से बच्चों की जिदगी इसमें आराम से कट जाएगी। आम दिनों की तरह रात में खाना खाकर सभी परिवार सो गए। मंगलवार रात 12 बजे आंधी से नींद खुली तो देखा की बहुत तेज आंधी चल रही है। इसी दौरान ग्राम तिलपुरी की तरफ से एक चिगारी उठी और आसमान में आग की लपटें दिखाई देने लगी सबको आवाज लगाकर बाहर बुलाया। जब तक लोग कुछ समझते आग तो उनके घरों के करीब पहुंच चुकी थी। सोचने समझने का समय नहीं मिला एक दूसरे को जोर-जोर से बुलाकर भागने की बात कही जा रही थी। महिलाओं ने छोटे-छोटे बच्चों को गोद में लेकर किसी तरह घर से बाहर निकाला। उस समय पैसा व घरेलू सामान जलने का अफसोस नहीं था। क्षण भर में जलते घर को देखा और आग बुझी तो मंजर कुछ अलग था। जहां चहल पहल थी वहां राख के ढेर में सामान बदल गए। सारी रात जागकर काटी और सुबह होते ही सैकड़ों लोग वहां पहुंचे आसपास के ग्रामीणों ने मदद का बीड़ा उठाया। तब तक सरकारी अमला और राजनीतिक लोग मौके पर पहुंचे और दिलासा देते हुए सरकारी मदद दी।