जिले में संशोधन के बाद 1317 मतदेय स्थल, 85 मतदेय स्थल समायोजित
रुद्रपुर में शहरी और ग्रामीणों के मतदेय स्थलों के लिए अधिकतम मतदाता 1500 का मानक निर्धारित किया गया है।
जासं, रुद्रपुर : शहरी क्षेत्र के लिए अधिकतम 1400 एवं ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 1200 मतदाताओं के स्थान पर मतदेय स्थलों के लिए अधिकतम मतदाता 1500 का मानक निर्धारित किया गया है। संशोधन प्रस्ताव के अनुरूप 85 मतदेय स्थल समायोजित किए गए हैं।
जिलाधिकारी रंजना राजगुरु ने मंगलवार को राजनैतिक दलों के साथ कलक्ट्रेट सभागार में बैठक ली। कहा कि विधानसभा क्षेत्र 62- जसपुर में पूर्व अनुमोदित मतदेय स्थलों की संख्या 144 थी, जो संशोधन के बाद 138 हो गई है। इसी तरह विधानसभा क्षेत्र 63- काशीपुर में 184 के बजाय 179, क्षेत्र 64- बाजपुर 171 के बजाय 1158, क्षेत्र 65- गदरपुर 153 के स्थान पर 148, क्षेत्र 66- रुद्रपुर 195 के स्थान पर 184, क्षेत्र 67- किच्छा 149 के बजाय 135, क्षेत्र 68- सितारगंज 130 के स्थान पर 122, क्षेत्र 69- नानकमत्ता 142 के स्थान पर 132 और विधानसभा क्षेत्र 70- खटीमा 134 के बाद 121 मतदेय स्थल बनाए गए हैं। जिले में पूर्व में अनुमोदित मतदेय स्थल 1402 थे, जो संशोधन के बाद 1317 हो गए हैं। 85 मतदेय स्थल संशोधन प्रस्ताव के अनुसार समायोजित किए गए हैं। इस मौके पर एडीएम जगदीश चंद्र कांडपाल, भाजपा नेता विवेक सक्सेना, सीपीआइ नेता राजेंद्र प्रसाद गुप्ता, बसपा अरविद कुमार, शेर मोहम्मद, भाजपा नेता धर्मेंद्र कुमार,कांग्रेस नेता सुशील गाबा मौजूद थे।
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मतदेय स्थलों को कम करना गंभीर : कांग्रेस
जासं, रुद्रपुर : जिला कांग्रेस कमेटी के महासचिव सुशील गाबा ने सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी को ज्ञापन सौंपा। कहा कि डीएम रंजना राजगुरु की अध्यक्षता में हुई बैठक में भारत निर्वाचन आयोग द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में मतदान केंद्र की अधिकतम संख्या 1200 व शहरी क्षेत्रों में 1400 वोटरों से बढ़ाकर 1500 करने की चर्चा हुई थी। मतदेय स्थल कम होने से मतदाताओं को दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। मतदाताओं की संख्या बढ़ने पर मतदान के समय केंद्रों में भारी भीड़ हो जाएगी। काफी लोगों के नाम मतदाता सूची में दर्ज नहीं हुए हैं। ऐसे में 85 मतदेय स्थलों को कम किया जाना बेहद गंभीर है। समस्याओं का समाधान करने की की मांग की।