अनाज मंडी में किसानों का 14 हजार क्विटल धान खराब
गदरपुर में बरसात से किसानों के खेत में खड़ी धान की फसल को तो नुकसान हुआ ही है। अनाज मंडी में तौल के लिए 14 हजार क्विंटल धान पानी से खबार हो गया।
संवाद सूत्र, गदरपुर : बरसात से किसानों के खेत में खड़ी धान की फसल को तो नुकसान हुआ ही है। अनाज मंडी में तौल के लिए 14 हजार क्विटल धान पानी से खराब हो गया।
किसानों का कहना था की चार दिन से अनाज मंडी में बोली लगाकर धान लिया जा रहा था। मंडी में 80 लाइसेंस धारक होने के बावजूद कुल 20 दुकानों तक धान की बोली लगाई जाती थी। अगर सभी व्यापारियों के यहां बोली लगाई जाती तो उन्हें इतना बड़ा नुकसान नहीं उठाना पड़ता। आढ़ती एसोसिएशन के अध्यक्ष सतीश घीक ने बताया कि मंडी में 17 अक्टूबर को किसान बहुत धान ले आए थे। मानक से ज्यादा नमी होने से धान की तौल नहीं हो पाई। नदी पर लोगों द्वारा अतिक्रमण किए जाने से नदी का सारा पानी मंडी में आ गया। जिस से धान की फसल खराब हुई। मंडी सचिव कैलाश शर्मा ने बताया कि उनके द्वारा ध्वनि विस्तारक यंत्रों से किसानों से अपील की गई थी कि मौसम खराब होने की वजह से ध्यान मंडी में ना लाएं लेकिन किसान ज्यादा धान लेकर आ गए जिससे धान की तौल नहीं हो पाई।
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ब्लॉक क्षेत्र में 15 फीसद धान की खरीद अब तक हुई
सरकार द्वारा जब से क्रय केंद्र खोले गए हैं अब तक 13 क्रय केंद्रों पर 14061 क्विटल धान की खरीद हुई। वहीं कच्चे आढ़तियों ने 1 लाख 32 हजार क्विटल धान खरीदा। आठ हजार क्विटल धान अन्य व्यापारियों द्वारा खरीदा गया। जबकि ब्लॉक क्षेत्र में करीब 6 लाख क्विटल से अधिक धान किसानों द्वारा बेचा जाता है धान खरीद के हिसाब से लग रहा है कि करीब 85 फीसद धान अभी भी खेतों में खड़ा है।