सार्वजनिक क्षेत्र की मिलों को शत प्रतिशत गन्ना भुगतान

गन्ना किसानों की बेहतरी के लिए सरकार महत्वपूर्ण निर्णय ले रही है। यह बात नवनियुक्त गन्ना आयुक्त ने काशीपुर में कही।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 06:33 PM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 06:33 PM (IST)
सार्वजनिक क्षेत्र की मिलों को शत प्रतिशत गन्ना भुगतान
सार्वजनिक क्षेत्र की मिलों को शत प्रतिशत गन्ना भुगतान

जागरण संवाददाता, काशीपुर : गन्ना किसानों की बेहतरी के लिए सरकार महत्वपूर्ण निर्णय ले रही है। गन्ना एवं चीनी आयुक्त हंसा दत्त पांडे ने कहा कि कोआपरेटिव और सार्वजनिक क्षेत्र की चीनी मिलों को गन्ने का शत प्रतिशत भुगतान कर दिया गया है। जबकि निजी चीनी मिलों का 10 प्रतिशत भुगतान शेष है।  इस दौरान उन्होंने बताया कि काशीपुर और इकबालपुर चीनी मिलों पर किसानों का 204 करोड़ रुपये बकाया है।

गुरुवार को नव नियुक्त गन्ना एवं चीनी आयुक्त पांडे ने चार्ज लेने के बाद यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कोआपरेटिव सेक्टर की बाजपुर और नादेही चीनी मिलों को 194.55 करोड़ व पब्लिक सेक्टर की किच्छा तथा डोईवाला मिल को 404.77 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया गया है। इन मिलों को भुगतान शत प्रतिशत किया जा चुका है।  जबकि निजी क्षेत्र की लिबाहेडी, इकबालपुर, लक्सर का 125.73 करोड़ बकाया है। वहीं, काशीपुर शुगर मिल का वर्ष 2007-08 का एक करोड़,  2011-12 का 23.74 करोड़ तथा इकबालपुर चीनी मिल का 2017-18 का 74.56 करोड़ व 2018-19 का 104 करोड़ रुपये बकाया है। बताया कि इकबालपुर चीनी मिल की छह लाख क्विंटल चीनी उपलब्ध है। इसे बेचकर गन्ना किसानों का भुगतान कर दिया जाएगा। वहीं, काशीपुर चीनी मिल में कोर्ट के आदेश पर लिक्वीडेटर नियुक्त किया गया है। मिल की अपनी जमीन है। कहा कि गन्ना समिति कर्मचारियों का बकाया 24 करोड़ के भुगतान के लिए शासन स्तर पर विचार विमर्श किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गन्ने की नई प्रजातियां विकसित करने के लिए गन्ना शोध केंद्र के विज्ञानियों से विचार विमर्श किया जाएगा।

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