नकदी फसलों को बढ़ी पॉलीहाउस की डिमांड
इस बार पॉलीहाउस की काफी डिमांड बढ़ी है। इस बार बड़ी संख्या में गांव पहुंचे प्रवासियों ने स्वरोजगार के रूप में नकदी फसलों का उत्पादन शुरू कर दिया है।
संवाद सहयोगी, नई टिहरी: इस बार पॉलीहाउस की काफी डिमांड बढ़ी है। इस बार बड़ी संख्या में गांव पहुंचे प्रवासियों ने स्वरोजगार के रूप में नकदी फसलों का उत्पादन शुरू कर दिया है। नकदी फसलों के लिए पॉलीहाउस काफी सहायक है इसको देखते हुए बड़ी संख्या में इसके लिए आवेदन किया है। इस बार सबसे ज्यादा 233 आवेदन हुए हैं जिसमें अधिकांश आवेदन प्रवासियों के हैं। यदि सब कुछ ठीक-ठाक चला तो आने वाले समय में जिले में सब्जियों का उत्पादन बढ़ जाएगा।
नकदी फसलों के उत्पादन में पॉलीहाउस काफी महत्वपूर्ण है। पहले पहाड़ का काश्तकार बिना इसके ही सब्जियों का उत्पादन करता था। जिसमें काफी मेहनत के साथ ही कई बार फसलों पर कीड़ा लगने से किसानों को काफी घाटा उठाना पड़ता था लेकिन पॉलीहाउस से जहां उत्पादन में बढ़ोत्तरी होती है वहीं इससे बरसात व कीड़ों से भी फसलों की सुरक्षा होती है। पिछले सात सालों की यदि बात की जाए तो अभी तक जिले में काश्तकारों ने 160 पॉलीहाउस लगाए हैं लेकिन इस बार 233 आवेदन हुए हैं जिनमें से अभी तक 40 लगाए गए हैं जिसमें 15 प्रवासियों ने लगाए। आवेदन करने वालों में भी प्रवासी सबसे ज्यादा है। इससे जिले में सब्जी उत्पादन में भी बढ़ोत्तरी होगी इसलिए इस ओर अब काश्तकारों का रूझान बढ़ रहा है। एक पॉलीहाउस लगाने में 1 लाख 21, 900 रूपये खर्चा आता है जिसमें 10 प्रतिशत यानी 12194 रूपये किसानों को देना पड़ता है बाकी उन्हें सब्सिडी दी जाती है। इस बार जितने प्रवासी भी गांव पहुंचे हैं उन्होंने गांव की बंजर जमीन पर सब्जियां उगाना शुरू कर दिया है। जिस तरह युवाओं का रूझान इस ओर बढ़ा है उससे अब गांव की बंजर खेत भी आबाद होने लगी है।
पॉलीहाउस के ये हैं फायदे
- बारिश या ओलावृष्टि से फसल को नुकसान नहीं पहुंचता है।
- उत्पादन अच्छा होता है।
- इसमें तापमान समान रहने से जल्दी फसल तैयार होती है।
- फसलों पर कीड़े नहीं लगते हैं।
- खराब होने का डर भी नहीं होता।
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नकदी फसलों के लिए पॉलीहाउस सहायक है। इससे फसलों के उत्पादन में भी इजाफा होता है। इसके लिए काश्तकारों को दस प्रतिशत धनराशि जमा करनी पड़ती है। इस बार इसके लिए काफी डिमांड आई है।
डॉ. डीके तिवारी, जिला उद्यान अधिकारी