उखड़ती सांसों को संजीवनी देने में जुटे ये कोरोना योद्धा
कोरोना मरीजों की उखड़ती सांसों को प्लाज्मा आइसीयू बेड और आक्सीजन सिलेंडर जैसी संजीवनी देने में नई टिहरी सहित अन्य शहरों के कुछ युवा जुटे हैं।
अनुराग उनियाल, नई टिहरी: कोरोना मरीजों की उखड़ती सांसों को प्लाज्मा, आइसीयू बेड, और आक्सीजन सिलेंडर जैसी संजीवनी देने में नई टिहरी सहित अन्य शहरों के कुछ युवा जुटे हैं। इंटरनेट मीडिया पर इन युवाओं की टीम किसी भी मरीज को मदद के लिए तुरंत सक्रिय होती है और उसे निर्धारित स्थान पर मदद के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इन युवाओं के इस काम की गिनती तो ये नहीं कर रहे हैं, लेकिन अनुमान के तहत अभी तक 100 मरीजों की यह मदद कर चुके हैं।
नई टिहरी में रक्तदान के लिए अभियान चलाने वाले मोहन सिंह रावत और उनके साथ कई अन्य युवा कोराना काल में एक बेहतरीन काम में जुटे हैं। कोरोना की दूसरी लहर में जैसे ही मरीजों की संख्या बढ़ने लगी तो इन युवाओं ने वाट्सएप और फेसबुक जैसे माध्यमों के जरिये मदद करने का बीड़ा उठाया। मोहन सिंह खुद 50 से ज्यादा बार रक्तदान कर चुके हैं और टिहरी में लगातार रक्तदान के लिए काम करते रहते हैं। मोहन सिंह के मुताबिक इस काम के तहत किसी भी मरीज की सूचना मिलने पर वह उसे अपने वाट्सएप ग्रुप में भेजते हैं। फिर संबंधित स्थान पर सक्रिय उनके साथी उक्त मरीज को प्लाज्मा, आक्सीजन सिलिंडर या फिर आइसीयू बेड उपलब्ध करा रहे हैं। मोहन सिंह रावत ने बताया कि अभी तक 60 मरीजों को प्लाज्मा और 40 मरीजों को आक्सीजन बेड व आइसीयू की मदद कर चुके हैं। देहरादून, नई टिहरी, नरेंद्रनगर, ऋषिकेश और श्रीनगर के सभी साथी एक दूसरे से इंटरनेट मीडिया के जरिये जुूड़े हैं।
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युवाओं की टीम में ये हैं शामिल
अमित पंत, अभिनव थापर, सौरभ ममगाई, यशपाल सजवाण, रश्मि सती, अर्चना भट्ट, कुलदीप नेगी, देवेंद्र नौडियाल, राजवंत तड़ियाल, मुकेल हटवाल, आशीष ममगाई, मनोज जोशी, मुकेश, उपेंद्र विजल्वाण, शमा रमोला नेगी, जयप्रकाश रांगड़ , विकास कठैत, विजयपाल रावत आदि।
इन मरीजों की कर चुके हैं मदद
इंदू नेगी, रीना कुमारी, सत्येंद्र सिंह, राजेंद्र को प्लाज्मा, शोभा, दिशा, नत्थीराम, हेम सुयाल, और दीपा को आक्सीजन बेड दिला चुके हैं।