Coronavirus: टिहरी ने 'पांच के पंच' से किया कोरोना को पस्त

कोरोना पर वार को टिहरी जिला प्रशासन ने जब पांच का पंच लागू किया तो कोरोना पस्त हो गया। अब स्थिति यह है कि जिले में कुल 420 संक्रमितों में से मात्र तीन सक्रिय केस हैं।

By Edited By: Publish:Sun, 05 Jul 2020 03:00 AM (IST) Updated:Sun, 05 Jul 2020 10:07 AM (IST)
Coronavirus: टिहरी ने 'पांच के पंच' से किया कोरोना को पस्त
Coronavirus: टिहरी ने 'पांच के पंच' से किया कोरोना को पस्त

नई टिहरी, अनुराग उनियाल। कोरोना पर वार को टिहरी जिला प्रशासन ने जब पांच का पंच लागू किया तो कोरोना पस्त हो गया। अब स्थिति यह है कि जिले में कुल 420 संक्रमितों में से मात्र तीन सक्रिय केस हैं। जबकि, 415 मरीज स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं और दो की मौत हो चुकी है। संक्रमण की घटती दर को देखते हुए अब टिहरी फार्मूले को प्रदेश के अन्य जिलों में भी लागू करने की तैयारी की जा रही है। 

टिहरी गढ़वाल जिले में मई के आखिरी सप्ताह में कोरोना का पहला मरीज आया था। वहीं जिले में प्रवासियों के लगातार लौटने के बीच जून में मरीजों का आंकड़ा 420 पहुंच गया। यहां तक कि प्रदेश में सर्वाधिक संक्रमितों की संख्या के मामले में जिला दूसरे स्थान पर पहुंच गया। इस दौरान 26 मई को टिहरी जिले की कमान संभालने वाले डीएम मंगेश घिल्डियाल ने सबसे पहले प्रवासियों को जिले के बॉर्डर पर ही मुनि की रेती में क्वारंटाइन करने के निर्देश दिए। 

इसके बाद जब प्रवासियों को गांव में क्वारंटाइन किया गया तो प्रशासन ने हर छह गांव के ऊपर एक नोडल अधिकारी की तैनाती की। जिलेभर में 172 नोडल अधिकारी बनाए गए और संक्रमण को लेकर उनकी सीधी जवाबदेही तय की गई। 172 अधिकारियों के ऊपर हर ब्लॉक में एक चीफ नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया, जो 24 घंटे डीएम को कोरोना के बारे में अपडेट देते रहते हैं।

हर क्वारंटाइन सेंटर और गांव में एक्टिव सर्विलांस मुस्तैदी से किया गया। इस काम में आशा कार्यकर्ताओं को लगाया गया। इसका फायदा यह हुआ कि किसी को सर्दी-जुकाम होने पर भी उसकी रिपोर्ट प्रशासन तक पहुंचती रही। खुद डीएम ने कंटेनमेंट जोन और प्रभावित गांवों का दौरा किया और लगातार आशा और प्रधानों से बात कर उन्हें प्रोत्साहित किया। इसके चलते जिले में न सिर्फ संक्रमण की दर घटी, बल्कि स्वस्थ होने वाले मरीजों की संख्या भी तेजी से बढ़ी। 

बोले जिलाधिकारी

मंगेश घिल्डियाल (डीएम, टिहरी गढ़वाल) का कहना है कि कोरोना संक्रमण को रोकने में सबसे अहम भूमिका प्रधान और आशाओं की है। उन्होंने जमीनी स्तर पर एक्टिव सर्विलांस मुस्तैदी से किया, जिससे 10 कंटेनमेंट जोन में भी कोई कोरोना केस नहीं आया। इसके चलते ही टिहरी में स्थिति बेहतर हो पाई।

कोरोना को हराने का पंच 

प्रवासियों को बॉर्डर पर किया गया क्वारंटाइन।  10 कंटेनमेंट जोन सहित गांवों में निगरानी समिति की मुस्तैदी।  हर गांव में एक्टिव सर्विलांस की ठोस रणनीति।  हर छह गांव पर एक नोडल अफसर की तैनाती।  प्रधान और आशाओं से लगातार प्रेरित संवाद।

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 अन्य जिलों में भी लागू होगा टिहरी फार्मूला

टिहरी जिला प्रशासन की कोरोना संक्रमण रोकने में बेहतर कार्ययोजना की शासन में भी चर्चा हो रही है। इसके बाद सरकार ने अन्य जिलों में भी कोरोना संक्रमण रोकने के लिए इस फार्मूले को लागू करने के निर्देश दिए हैं। इस वक्त कोरोना संक्रमितों की रिकवरी रेट में टिहरी प्रदेश में दूसरे नंबर का जिला है। जबकि, सबसे कम सक्रिय केस की संख्या में टिहरी पहले नंबर पर है। जिलाधिकारी ने बताया कि शासन स्तर पर बातचीत के दौरान टिहरी फार्मूले को कारगार बताते हुए इसकी तारीफ की गई। साथ ही इसे अन्य जिलों में भी लागू करने की बात कही गई।

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