देश- विदेश के पर्यटकों की पसंदीदा जगह बनी टिहरी झील

42 वर्ग किमी टिहरी झील प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थलों में शुमार है। टिहरी झील मे बोटिंग का रोमांच हर किसी को प्रभावित करता है। देश के हर क्षेत्र से पर्यटक यहां आते हैं। टिहरी झील में न केवल बोटिंग का लुत्फ उठाया जाता है।

By Sumit KumarEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 05:47 PM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 10:44 PM (IST)
देश- विदेश के पर्यटकों की पसंदीदा जगह बनी टिहरी झील
42 वर्ग किमी टिहरी झील प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थलों में शुमार है।

जागरण संवाददाता,नई टिहरी: 42 वर्ग किमी टिहरी झील प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थलों में शुमार है। टिहरी झील मे बोटिंग का रोमांच हर किसी को प्रभावित करता है। देश के हर क्षेत्र से पर्यटक यहां आते हैं। टिहरी झील में न केवल बोटिंग का लुत्फ उठाया जाता है बल्कि साहसिक खेलों के लिहाज से भी यह देश का प्रमुख केंद्र बन गई है। इसको देखते हुए यहां पर साहसिक खेल अकेडमी का संचालन भी शुरू हो गया है। फिल्म शूटिंग के लिए भी यह स्थान महत्वपूर्ण है।

वर्ष 2015 में टिहरी झील में नावों का संचालन शुरू हुआ। झील में मोटर बोट के अलावा स्पीड बोट, मरीना का भी संचालन होता है। आज टिहरी झील पर्यटन का महत्वपूर्ण स्थल बन गया है। देश-विदेश से पर्यटक टिहरी झील में बोटिंग का लुत्फ उठाने यहां पहुंचते हैं। अभी करीब तीन साल पहले झील में बत्ती गुल मीटर चालू फिल्म की शूटिंग भी की गई थी। टिहरी झील के ऊपर ही डोबरा के पास देश का पहले सस्पेंशन पुल बनाया गया है यह पुल भी पर्यटन की ²ष्टि से काफी महत्वपूर्ण है। गर्मियों के सीजन में टिहरी झील में बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं। कोविड-19 के कारण पिछले लंबे समय से यहां पर्यटक नहीं पहुंच पा रहे थे और बोङ्क्षटग का संचालन भी बंद पड़ा था। लेकिन तीन दिन पहले झील में बोङ्क्षटग का संचालन शुरू हो गया है जिसके बाद यहां पर पर्यटकों की आवाजाही शुरू हो गई है। जिस कारण झील पर्यटकों से गुलजार होने लगी है। हरियाणा, दिल्ली, गुडग़ांव, देहरादून, हरिद्वार आदि जगहों से पर्यटक बोटिंग का लुत्फ उठाने यहां पहुंच रहे हैं। झील में सौ से अधिक बोटों का संचालन होता है। जो भी पर्यटक जिले में आते हैं वह झील में बोटिंग का लुत्फ जरूर उठाते हैं। टिहरी झील को पर्यटन के विश्व मानचित्र पर लाने के लिए 13 सौ करोड़ की लागत से इसके आस-पास का क्षेत्र विकसित किया जा रहा है ताकि झील और आकर्षक दिखे। झील की ओर अधिक से अधिक पर्यटकों का आकर्षण बढ़ इसको लेकर यहां पर पिछले छह साल से टिहरी झील महोत्सव की भी शुरूआत की गई। टिहरी झील पर्यटन का हब बन गया है और हर साल यहां पहुंचने वाले पर्यटकों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है। बोट संचालक यूनियन के संरक्षक कुलदीप पंवार बताते हैं कि कोरोना काल से पहले लगभग डेढ़ लाख पर्यटक सैर के लिए टिहरी पहुंचते हैं।

प्री वेडिंग शूट के लिए बेस्ट है टिहरी झील

पिछले कुछ सालों के दौरान प्री वेडिंग शूटिंग के लिए टिहरी झील आदर्श स्थल बनकर उभरी है। यहां पर देश के कई राज्यों से मंगेतर अपनी प्री वेडिंग शूटिंग के लिए पहुंचते हैं। एक अनुमान के मुताबिक एक साल में यहां पर 1500 से दो हजार के बीच प्री वेडिंग शूट होते हैं। टिहरी झील, आसपास की पहाडिय़ां और कॉटेज यहां पर दूसरे राज्यों के पर्यटकों को लुभाते हैं। झील में फ्लोटिंग हट् भी युवा जोड़ों की पंसद है।

झील में आयोजित होती है साहसिक खेल प्रतियोगिता

टिहरी झील साहसिक खेलों के लिहाज से महत्वपूर्ण है। यहां पर टिहरी झील महोत्सव के अवसर पर साहसिक खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है जिसमें देश के विभिन्न हिस्सों से प्रतिभागी यहां पहुंचते हैं। तीन दिन तक झील में प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है। सेना के जवान भी यहां पर साहसिक खेल करतब दिखाते हैं। पिछले चार सालों से यहां पर साहसिक खेालें का आयोजन होता आया है लेकिन पिछले साल कोरोना को देखते हुए इसका आयोजन नहीं हो पाया था।

गर्मियों में बड़ी संख्या में पहुंचते हैं पर्यटक

टिहरी झील का पानी घटता-बढ़ता रहता है। बरसात में झील का जलस्तर बढ़ जाता है। जिस कारण झील में बोटिंग का लुत्फ उठाया जाता है। इस समय झील लबालब है जिस कारण इसका आकर्षण बढ़ जाता है। इसलिए गर्मियों में यहां पर बोङ्क्षटग के लिए देश के विभिन्न हिस्सों से बड़ी संख्या में पर्यटक यहां आते हैं। झील के आस-पास हट््स भी बनाई गई है जहां पर पर्यटक रूककर झील का नजारा देखते हैं।

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झील से पर्यटन को मिला बढ़ावा

झील के कारण जिले में पर्यटन को बढ़ावा मिला है। झील के कारण टिहरी को भी पहचान मिलने लगी है। देश-विदेश से पर्यटक यहां पहुंचते हैं। पहले पर्यटक धनोल्टी, कैंपटीफॉल, काणाताल आदि जगहों पर ही घूमने आते थे लेकिन अब टिहरी झील पर्यटकों की पहली पसंद बनी है। जो भी पर्यटक जिले में आता है वह सबसे पहले झील में बोङ्क्षटग का लुत्फ उठाने के लिए यहां आता है। कई फिल्मी सितारे व उद्योगपति भी यहां पहुंचे हैं।

अब आइटीबीपी भी करती है अभ्यास

टिहरी झील में साहसिक खेलों के प्रशिक्षण के लिए बनाई गई साहसिक खेल अकादमी अब भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस को बीस सालों के अनुबंध पर दी गई है। यहां पर आईटीबीपी युवाओं को साहसिक खेलों का प्रशिक्षण देगी। इन दिनों कोरोना काल के चलते यहां पर प्रशिक्षण नहीं हो पा रहे हैं लेकिन स्थिति सामान्य होते ही प्रदेश के युवाओं को यहां पर साहसिक खेलों का प्रशिक्षण दिया जाएगा।

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