टिहरी बांध से बिजली उत्पादन बढ़ाने की तैयारी

देश में बिजली संकट की आशंका के बीच टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कारपोरेशन इंडिया लिमिटेड (टीएचडीसीआइएल) टिहरी बाध से बिजली उत्पादन बढ़ाने के लिए पूरी तरह से तैयार है। इसी माह पांच अक्टूबर को ऊर्जा मंत्रालय ने टीएचडीसीआइएल को बिजली उत्पादन बढ़ाने के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए। टीएचडीसीआइएल के अधिशासी निदेशक यूके सक्सेना ने कहा कि हम पूरी तरह से तैयार हैं। हालांकि एक सप्ताह बीतने के बावजूद नार्दन ग्रिड ने किसी तरह की मांग नहीं की है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 12 Oct 2021 10:34 PM (IST) Updated:Tue, 12 Oct 2021 10:34 PM (IST)
टिहरी बांध से बिजली उत्पादन बढ़ाने की तैयारी
टिहरी बांध से बिजली उत्पादन बढ़ाने की तैयारी

अनुराग उनियाल, नई टिहरी: देश में बिजली संकट की आशंका के बीच टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कारपोरेशन इंडिया लिमिटेड (टीएचडीसीआइएल) टिहरी बाध से बिजली उत्पादन बढ़ाने के लिए पूरी तरह से तैयार है। इसी माह पांच अक्टूबर को ऊर्जा मंत्रालय ने टीएचडीसीआइएल को बिजली उत्पादन बढ़ाने के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए। टीएचडीसीआइएल के अधिशासी निदेशक यूके सक्सेना ने कहा कि हम पूरी तरह से तैयार हैं। हालांकि एक सप्ताह बीतने के बावजूद नार्दन ग्रिड ने किसी तरह की मांग नहीं की है।

कोयले की कमी से उपजे हालात के चलते ऊर्जा मंत्रालय की निगाहें जल विद्युत परियोजनाओं पर टिकी हैं। इसी के तहत टिहरी बांध में बिजली उत्पादन बढ़ाने तैयारी पूरी कर ली गई है। अधिशासी निदेशक सक्सेना ने बताया कि इन दिनों टिहरी बांध में प्रतिदिन औसतन 11 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन किया जा रहा है, जबकि परियोजना की क्षमता 25 मिलियन यूनिट की है।

उन्होंने बताया कि नार्दन ग्रिड की मांग के अनुसार ही परियोजना में विद्युत उत्पादन किया जाता है। ग्रिड से सामान्य तौर पर पिकिंग आवर (सुबह सात से दस और शाम सात से दस बजे तक) में आपूर्ति की मांग की जाती है। सक्सेना के अनुसार बिजली का उत्पादन बढ़ाने के लिए झील से ज्यादा पानी छोड़ना पड़ेगा। यह पानी सिंचाई के काम आता है। ज्यादा पानी छोड़ने से झील का जलस्तर भी कम होगा। इससे आने वाले वक्त में सिंचाई के लिए पानी की कमी हो सकती है। उन्होंने बताया कि इस समस्या का भी समाधान तलाशा जा रहा है और ऊर्जा मंत्रालय को भी इससे अवगत करा दिया गया है।

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