आपातकालीन योजना विकसित करने में राज्य सरकार विफल: टम्टा
जागरण संवाददाता, नई टिहरी: राज्यसभा सदस्य प्रदीप टम्टा ने चमोली आपदा के बचाव कार्य में उत्तराखंड सरक
जागरण संवाददाता, नई टिहरी: राज्यसभा सदस्य प्रदीप टम्टा ने चमोली आपदा के बचाव कार्य में उत्तराखंड सरकार पर विफल होने के आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि 2013 में केदारनाथ आपदा आने के बाद भी राज्य सरकार ने प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए आपातकालीन योजना विकसित नहीं की, जिस कारण चमोली आपदा में बचाव कार्य तेजी के साथ नहीं हो पाए।
गुरुवार को नई टिहरी कांग्रेस कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए राज्यसभा सदस्य प्रदीप टम्टा ने कहा कि 2013 में केदारनाथ आपदा के बाद तत्कालीन केंद्र सरकार ने इस तरह की आपदा से निपटने और हिमालयी राज्यों में निर्माण के लिए तकनीक को लेकर उच्च स्तरीय समिति गठित की थी। लेकिन, भाजपा सरकार ने इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया। इसी का नतीजा है कि चमोली आपदा में बचाव कार्य में राज्य सरकार बुरी तरह फेल रही है। सरकार के पास आपदा के बाद बचाव के लिए आपातकालीन योजना नहीं है। अगर पहले से ही भूमिगत सुरंगों में बचाव के रास्ते बनाए जाते तो कई कर्मचारियों की जान बचाई जा सकती थी। विदेशों में हर बड़े प्रोजेक्ट में दुर्घटनाओं की आशंका को देखते हुए बचाव के पुख्ता प्रबंध किए जाते हैं, लेकिन हिमालयी राज्यों में हो रहे विकास कार्यो में बचाव और आपातकालीन योजना की अनदेखी की जा रही है। उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार से हिमालयी राज्यों में निर्माण को लेकर नई गाइडलाइन बनाने और दुर्घटनाओं से बचने के लिए पुख्ता प्रबंध करने की मांग की। इस दौरान प्रदेश प्रवक्ता शांति प्रसाद भट्ट, दर्शनी रावत, ममता उनियाल, राजेंद्र डोभाल, आशा रावत, सरजात अली, मुरारीलाल खंडवाल, खुशीलाल, महादेव मैठाणी आदि मौजूद रहे।