छात्र का शव लेकर तहसील पहुंचे ग्रामीण, प्रदर्शन

राजकीय इंटर कालेज कीर्तिनगर में छात्रों के बीच मारपीट में घायल छात्र की मौत को लेकर स्वजन व ग्रामीणों का गुस्सा शांत नहीं हुआ है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 22 Aug 2021 09:55 PM (IST) Updated:Sun, 22 Aug 2021 09:55 PM (IST)
छात्र का शव लेकर तहसील पहुंचे ग्रामीण, प्रदर्शन
छात्र का शव लेकर तहसील पहुंचे ग्रामीण, प्रदर्शन

संवाद सूत्र, कीर्तिनगर: राजकीय इंटर कालेज कीर्तिनगर में छात्रों के बीच मारपीट में घायल छात्र की मौत को लेकर स्वजन व ग्रामीणों का गुस्सा शांत नहीं हुआ है। रविवार को ग्रामीण सुबह सात बजे शव को लेकर तहसील में पहुंचे, यहां उन्होंने तहसील का घेरावकर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। उन्होंने विद्यालय के प्रधानाचार्य व शिक्षक को निलंबित करने, आरोपितों को कठोर सजा दिलाने व मृतक के स्वजन को आर्थिक सहायता देने की मांग की। करीब तीन घंटे तक ग्रामीण शव के साथ तहसील में डटे रहे।

बीती 17 अगस्त को राइंका कीर्तिनगर में छात्रों के बीच मारपीट हो गई थी, जिसमें 11वीं का छात्र आयुष गंभीर रूप से घायल हो गया था। उसे देहरादून अस्पताल में भर्ती कराया था, जहां बीती शुक्रवार शाम को उसकी मौत हो गई थी। घटना से गुस्साए ग्रामीण व स्वजन ने बीती शनिवार को एसडीएम कोर्ट में प्रदर्शन किया और आरोपित छात्र व कालेज प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। उनका कहना है कि इस मामले में कालेज प्रशासन ने यदि सख्ती बरती होती तो यह नौबत नहीं आती इसके लिए उन्होंने कालेज प्रशासन को जिम्मेदार माना।

रविवार को मलेथा के ग्रामीण छात्र के शव को लेकर कीर्तिनगर तहसील पहुंचे, जहां उन्होंने तहसील का घेराव कर प्रदर्शन किया। ग्रामीणों ने आक्रोश जताया कि प्रशासन इस घटना में संलिप्त अन्य छात्रों, प्रधानाचार्य व शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रहा है। एसडीएम अजयवीर सिंह, सीओ रविद्र कुमार चमोली और कोतवाली निरीक्षक कीतिनगर रविद्र सिंह नेगी ने ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन उनका गुस्सा शांत नहीं हुआ। एसडीएम अजयवीर सिंह ने कहा कि घटना की मजिस्ट्रेटी जांच के साथ ही प्रधानाचार्य व अन्य दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी, लेकिन ग्रामीण बिना लिखित आश्वासन के मानने को तैयार नहीं हुए। उनका कहना था जब जब तक लिखित आश्वासन नहीं दिया जाता, वह शव को तहसील से नहीं उठाने देंगे। बाद में जिलाधिकारी की ओर से मजिस्ट्रेटी जांच के लिखित आदेश होने पर ग्रामीणों का गुस्सा शांत हुआ। एसडीएम ने कहा कि ग्रामीणों की मांग पर प्रधानाचार्य व विद्यालय के एक शिक्षक के निलंबन की संस्तुति भेजी गई है। साथ ही मुख्यमंत्री राहत कोष से पीड़ित परिवार को मदद पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा। तहसील कोतवाली निरीक्षक रविद्र नेगी ने बताया कि इस मामले में शनिवार को दो छात्रों को जुवेनाइल कोट में पेश करने के बाद उन्हें बाल सुधार गृह भेजा गया। इस मौके पर मलेथा के प्रधान अंकित, पूर्व प्रधान शूरवीर सिंह बिष्ट, समीर रतूड़ी, विमला नेगी आदि मौजूद थे।

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