तीस साल से समस्याओं से जूझ रही दोगी पट्टी
नरेंद्रनगर प्रखंड की सबसे पिछड़ी दोगी पट्टी के ग्रामीणों को समस्याओं को लेकर कोई सुनवाई नहीं हुई।
संवाद सहयोगी, नई टिहरी
नरेंद्रनगर प्रखंड की सबसे पिछड़ी दोगी पट्टी के ग्रामीणों को समस्याओं से कब छुटकारा मिलेगा कहा नहीं जा सकता। समय की गति के साथ ही सब कुछ बदल गया अगर नहीं बदला तो इस दूरस्थ क्षेत्र के हालात। स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी बुनियादी समस्याओं के निस्तारण के लिए यहां के ग्रामीणों ने आंदालन भी किए लेकिन बावजूद इसके स्थिति जस की तस बनी है। कनेक्टविटी नहीं होने से मोबाइल शो-पीस बने हैं। शिक्षा के नाम पर स्कूल तो जगह-जगह खोले गए लेकिन शिक्षकों की कमी बनी है वहीं स्वास्थ्य सुविधा भी बदहाल है।
दोगी पट्टी में करीब 40 गांव और 23 ग्राम पंचायत हैं। तीस साल से यहां की समस्याएं जस की तस हैं। नेटवर्क की सबसे ज्यादा समस्या है। नेटवर्क के लिए यहां के ग्रामीणों को काफी दूर आना पड़ता है। आजकल कोरोना संक्रमण के चलते स्कूल बंद हैं ऐसे में कई जगहों पर ऑनलाइन पढ़ाई की व्यवस्था की गई लेकिन यहां के नौनिहाल इससे भी वंचित हैं। क्षेत्र में चार इंटर कालेज व आधा दर्जन से अधिक हाईस्कूल हैं, इनमें अधिकांश विद्यालयों में शिक्षकों की कमी बनी है। दूरस्थ के स्कूल में शिक्षक भी जाने को तैयार नहीं। क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति भी काफी खराब है। इसके लिए ग्रामीणों को करीब 25 से 40 किमी दूर नरेंद्रनगर या अन्यत्र जाना पड़ता है। कई बार सड़क बाधित होने से ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। क्षेत्र की समस्याओं को लेकर डेढ़ माह पूर्व क्षेत्रवासियों ने नरेंद्रनगर में प्रदर्शन भी किया था। दोगी विकास संघर्ष समिति के महासचिव वाचस्पति रयाल ने कहा है कि क्षेत्र में नेटवर्क नहीं मिलने से ग्रामीणों का कहीं संपर्क नहीं हो पाता है। इससे बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है। क्षेत्र के वाचस्पति रयाल, भगवान सिंह, मंगल सिंह ने कहा कि समस्याओं के निराकरण नहीं होने पर आगे चरणबद्ध आंदोलन चलाया जाएगा।