आनलाइन पढ़ाई को जाना पड़ता है जंगल

जिले के सबसे बड़े ब्लाक भिलंगना में साढ़े छह हजार छात्र-छात्राएं परेशान हो रही हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 15 Jun 2021 10:49 PM (IST) Updated:Tue, 15 Jun 2021 10:49 PM (IST)
आनलाइन पढ़ाई को जाना पड़ता है जंगल
आनलाइन पढ़ाई को जाना पड़ता है जंगल

संवाद सहयोगी, नई टिहरी : जिले के सबसे बड़े ब्लाक भिलंगना में साढ़े छह हजार छात्र-छात्राएं ऑनलाइन शिक्षा से वंचित हैं। कोरोना महामारी में पिछले डेढ़ साल से स्कूल बंद होने के कारण छात्रों की पढ़ाई के लिए आनलाइन व्यवस्था करवाई गई, लेकिन दूरस्थ क्षेत्रों में नेटवर्क की समस्या होने के कारण यहां के छात्रों के लिए आनलाइन शिक्षा सपना बनकर रह गई है। स्थिति यह है कि नेटवर्क के लिए कई बार छात्रों को गांव से करीब दो किलोमीटर दूर जंगल में जाना पड़ता है। प्रधानमंत्री कार्यालय से पत्र आने के बावजूद मुख्यमंत्री कार्यालय से इस समस्या का समाधान आज तक नहीं हो सका।

भिलंगना प्रखंड के सेंदुल, गेंवाली, जखाणा, पिसवाड़, भिगुन, कोट विशन, तोली, मेड आदि गांवों में पिछले लंबे समय से नेटवर्क की समस्या बनी हुई है। आज जहां देश और दुनिया 5जी संचार सुविधा का लाभ लेकर आगे बढ़ रही है, वहीं भिलंगना ब्लाक में यह किसी सपने से कम नहीं है। इसका सबसे ज्यादा असर छात्रों की आनलाइन पढ़ाई पर पड़ रहा है। यहां पर नजदीक कहीं टावर नहीं है और जहां पर टावर है भी, तो उनकी हालत खराब है। आनलाइन पढ़ाई नहीं होने से छात्रों का पठन-पाठन प्रभावित हो रहा है। इस संबंध में सेंदुल गांव के छात्रों व प्रधान सविता मैठाणी ने वर्ष 2020 में जिलाधिकारी और दूरसंचार विभाग के अलावा जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन भेजा, बल्कि छात्रों ने भी इंटरनेट मीडिया के माध्यम से अपना रोष जताया, लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ। सेंदुल गांव के छात्र अर्चित मैठाणी, अर्णव मैठाणी और अनन्य ने कहा कि जब नेटवर्क ही नहीं आएगा, तो आनलाइन पढ़ाई कैसे होगी।

नेटवर्क के लिए जाना पड़ता है दो किमी दूर

भिलंगना ब्लाक के सेंदुल के चर्चित मैठाणी और प्रशांत मैठाणी का कहना है कि गांव में नेटवर्क की समस्या के चलते उन्हें कई बार डेढ़ किमी दूर जंगल में जाना पड़ता है, तब जाकर नेटवर्क पकड़ता है। वहीं पिसवाड़ के सर्वेश सिंह का कहना है कि गांव में नेटवर्क नहीं होने से उन्हें व उनके साथियों को दो किमी ऊपर जंगल की ओर जाना पड़ता है, लेकिन वह रोज-रोज ऐसा नहीं कर सकते। पिछले साल प्रधानमंत्री को भेजा था पत्र

क्षेत्र में नेटवर्क की समस्या को देखते हुए बीते वर्ष ग्राम प्रधान सविता देवी ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था। इसमें उन्होंने नेटवर्क नहीं होने से छात्रों की आनलाइन पढ़ाई को लेकर अपनी चिता व्यक्त की थी। उन्होंने बताया कि पीएमओ के पत्र का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से शीघ्र ही समस्या के समाधान किए जाने की बात कही गई थी। लेकिन, अभी तक इस दिशा में ठोस पहल नहीं हो पाई है। उन्होंने जल्द समस्या के निराकरण की मांग की है। - प्रखंड में नेटवर्क की समस्या को देखते हुए जियो कंपनी से 17 टावर स्वीकृत करवाए गए हैं। शीघ्र ही सर्वे का कार्य पूरा कर टावर लगवाए जाएंगे।

शक्तिलाल शाह, विधायक घनसाली - क्षेत्र में कुछ जगहों पर लाइन कटी है, उन्हें ठीक करवाया जा रहा है। वहीं पूर्व में जो टावर लगाए गए हैं, उनकी मरम्मत का भी प्रयास किया जा रहा है। कोरोनाकाल में कर्मचारियों की कमी से कुछ परेशानी आ रही है।

बीएस नेगी, सहायक महाप्रबंधक दूरसंचार प्रखंड में वर्तमान में छात्रसंख्या

इंटर - 1918 संस्थागत

हाईस्कूल - 2540 संस्थागत

छह से आठ तक छात्र - 3005

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