जम्‍मू के पुंछ में आतंकी मुठभेड़ में उत्तराखंड के दो और लाल शहीद, सीएम धामी ने जताया दुख

टिहरी जनपद के नरेंद्रनगर ब्लाक के रामपुर खाड़ी गांव निवासी सूबेदार अजय रौतेला शहीद हो गए। वर्तमान में सूबेदार अजय रौतेला का परिवार देहरादून क्लेमनटाउन में निवासरत है। जम्मू के पुंछ में आतंकी मुठभेड़ अभी चल रही है। जिस कारण अभी उनका पार्थिव शरीर नहीं निकाला जा सका है।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Sat, 16 Oct 2021 01:17 PM (IST) Updated:Sat, 16 Oct 2021 09:55 PM (IST)
जम्‍मू के पुंछ में आतंकी मुठभेड़ में उत्तराखंड के दो और लाल शहीद, सीएम धामी ने जताया दुख
टिहरी जनपद के नरेंद्रनगर ब्लाक के रामपुर खाड़ी गांव निवासी सूबेदार अजय रौतेला शहीद हो गए।

जागरण संवाददाता, नई टिहरी/पौड़ी गढ़वाल। जम्मू- कश्मीर के पुंछ में आतंकवादियों से मुठभेड़ में उत्तराखंड के दो और लाल काम आए। मुठभेड़ में टिहरी जिले के नरेंद्रनगर ब्लाक के रामपुर खाड़ी गांव के रहने वाले सूबेदार अजय रौतेला और पौड़ी गढ़वाल जिले के पीपलसारी(रिखणीखाल) के नायक हरेंद्र सिंह शहीद हो गए। इससे पहले इसी मुठभेड़ में टिहरी जिले के राइफलमैन विक्रम सिंह और चमोली जिले के राइफलमैन योगंबर सिंह सर्वोच्च बलिदान दे चुके हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सूबेदार अजय रौतेला और नायक हरेंद्र सिंह के शहीद होने पर शोक व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने शहीद के परिजनों को दुख की इस घड़ी में धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है।

शहीद अजय रौतेला के छोटे भाई दीपक रौतेला टिहरी जिले के चम्बा में इंटर कालेज में शिक्षक हैं। उन्होंने बताया कि अभी सेना की ओर से परिवार को आधिकारिक सूचना नहीं दी गई है, लेकिन जम्मू से सूबेदार अजय रौतेला के साथियों ने फोन पर उन्हें इस बारे में बताया। उन्होंने बताया कि शहीद अजय की पत्नी और तीन बेटे देहरादून के क्लेनमटाउन क्षेत्र में रहते हैं। उनका बड़ा बेटा बीटेक कर चुका है, जबकि छोटे दोनों बेटे 12वीं में पढ़ रहे हैं। वे सभी गांव पहुंच चुके हैं। अभी अगस्त में ही अजय एक महीने की छुट्टी पर घर आए थे।

चाचा हरपाल सिंह रौतेला ने बताया कि अजय 1995 में भर्ती हुए थे। पिता अव्वल सिंह रौतेला भी सेना से सेवानिवृत्त थे। उनका पांच वर्ष पहले स्वर्गवास हो चुका है। उन्होंने बताया कि अभी वहां पर सेना का आपरेशन चल रहा है, जिस कारण पूरी जानकारी नहीं मिल पाई है। दूसरी ओर गांव में शहीद के घर पर सुबह से आसपास के गांवों के निवासियों का तांता लगा हुआ है।

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