झील प्रभावितों के मुआवजे में अब कट ऑफ डेट का पेच

जागरण संवाददाता, नई टिहरी: बांध प्रभावित ग्रामीणों के मुआवजा वितरण में वर्ष 2007 की कट आफ डेट का पेच

By JagranEdited By: Publish:Tue, 28 Sep 2021 05:57 PM (IST) Updated:Tue, 28 Sep 2021 05:57 PM (IST)
झील प्रभावितों के मुआवजे में अब कट ऑफ डेट का पेच
झील प्रभावितों के मुआवजे में अब कट ऑफ डेट का पेच

जागरण संवाददाता, नई टिहरी: बांध प्रभावित ग्रामीणों के मुआवजा वितरण में वर्ष 2007 की कट आफ डेट का पेच फंस गया है। पुनर्वास निदेशालय ग्रामीणों के मुआवजे के लिए सूची वर्ष 2007 की स्थिति के आधार पर तैयार कर रहा है, लेकिन झील प्रभावितों का कहना है कि 14 वर्ष बीतने के बाद ग्रामीणों की स्थिति में काफी बदलाव आ चुका है। ऐसे में वर्तमान तिथि के हिसाब से मुआवजा मिलना चाहिए।

वर्ष 2006 में टिहरी बांध झील बनने के बाद झील के कारण आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में भूस्खलन के मामले सामने आने लगे। झील के पास रहने वाले ग्रामीणों ने भी विस्थापन की मांग शुरू कर दी। सरकार ने अलग-अलग विभागों की संयुक्त विशेषज्ञ समिति बनाकर झील प्रभावित परिवारों का चिह्नीकरण किया तो 415 परिवार चिह्नित किए गए। अब इन सभी परिवारों को झील से नुकसान के कारण 74 लाख रुपये प्रति परिवार के हिसाब से मुआवजा दिया जाना है। इसमें पुनर्वास निदेशालय ने वर्ष 2007 तक की कट आफ डेट निर्धारित की है। उसी समय के अनुसार मुआवजा दिया जाएगा, लेकिन इस पर ग्रामीणों का विरोध है। आंशिक डूब क्षेत्र संघर्ष समिति के अध्यक्ष सोहन सिंह राणा ने कहा कि वर्ष 2007 से 2021 तक अधिकतर परिवारों की पारिवारिक स्थितियों में काफी परिवर्तन आ गया है। ऐसे में वर्तमान स्थिति को देखते हुए मुआवजा दिया जाना चाहिए। सरकार 14 वर्ष पहले की स्थिति पर मुआवजा दे रही है। वहीं इस मामले में जमीन अधिग्रहण को लेकर भी पुनर्वास निदेशालय पुराने रिकार्ड खंगाल रहा है। पुनर्वास निदेशालय का कहना है कि कुछ दिनों में ही संशोधन कर सूची तैयार कर दी जाएगी। झील प्रभावित 415 परिवारों की सूची को संशोधित कर तैयार किया जा रहा है। कुछ तकनीकी कारणों की जांच की जा रही है। संभवत: एक सप्ताह में सूची तैयार हो जाएगी। कट आफ डेट इसमें वर्ष 2007 की निर्धारित की गई है।

इवा आशीष श्रीवास्वत, जिलाधिकारी टिहरी गढ़वाल

chat bot
आपका साथी