इस युवक की सांसों में है संगीत, मुंह से निकालते हैं वाद्यों यंत्रों की आवाज

नई टिहरी के एक युवा की सांसों से संगीत की सुरलहरी बह रही है। विजय तिवारी की खासियत ये है कि वह अपने मुंह से कई वाद्य यंत्रों की आवाज निकाल लेते हैं।

By Edited By: Publish:Fri, 03 Jul 2020 10:16 PM (IST) Updated:Sat, 04 Jul 2020 10:24 AM (IST)
इस युवक की सांसों में है संगीत, मुंह से निकालते हैं वाद्यों यंत्रों की आवाज
इस युवक की सांसों में है संगीत, मुंह से निकालते हैं वाद्यों यंत्रों की आवाज

नई टिहरी, अनुराग उनियाल। कोरोना काल में जहां एक तरफ लोगों की डर से सांसें अटकी हुई हैं, वहीं नई टिहरी के एक युवा की सांसों से संगीत की सुरलहरी बह रही है। विजय तिवारी की खासियत ये है कि वह अपने मुंह से कई वाद्य यंत्रों की आवाज निकाल लेते हैं। अभी तक गुमनाम इस कलाकार की सोच है कि अगर युवा इस विद्या को सीखें तो स्वरोजगार और पर्यटन के क्षेत्र में बेहतर कार्य कर सकते हैं।

कोरोना काल में टिहरी का एक युवक विजय तिवारी अपनी अनोखी कला से डर और भविष्य की चिंता में डूबे लोगों का मनोरंजन कर रहे हैं। नई टिहरी निवासी 30 वर्षीय विजय तिवारी को बीटबॉक्स में महारत हासिल है। विजय आठ साल की उम्र से यह कर रहे हैं। 

विजय बताते हैं उनके पिता जीतमणि तिवारी सेना के बैंड में थे। बचपन में वह उन्हें प्रस्तुति के दौरान कांगो और ड्रम बजाते देखते थे। उस दौर में उनके पास इतने पैसे नहीं थे कि वह इन वाद्य यंत्रों को खरीद पाएं। उसके बाद आठ साल की उम्र में एक टीवी चैनल पर उन्होंने एक शो देखा कि विदेशी कलाकार मुंह से वाद्य यंत्रों की आवाज निकाल रहा था। तब उन्हें बीटबॉक्स विधा के बारे में पता चला। 

उसके बाद उन्होंने यूट्यूब पर ही कई कलाकारों को देख कर बीटबॉक्स की प्रेक्टिस की और आज वह किसी भी तरह का संगीत मुंह से बजा लेते हैं। 2014 में विजय इंडिया गॉट टैलेंट में भी विजय अपनी प्रतिभा दिखा चुके हैं।

क्या है बीटबॉक्स 

बीटबॉक्स ऐसी विधा है जिसमें कलाकार मुंह से कई वाद्य यंत्रों की आवाज निकाल सकता है। बीटबॉक्स खुद ही प्रैक्टिस से विकसित की जाती है। युवा इस विद्या को सीखें तो स्वरोजगार और पर्यटन के क्षेत्र में बेहतर कार्य कर सकते हैं। 

दिल्ली में नौकरी नहीं आई रास

विजय ने वर्ष 2011 से वर्ष 2017 तक दिल्ली में प्राइवेट नौकरी की। इस दौरान उनका काम विदेश जाने वाले और यहां आने वाले यात्रियों के टिकट बुक कराने का काम था। उन्हें नौकरी रास नहीं आई। उसके बाद विजय 2017 में अपने पिता के नई टिहरी में खोले रेस्तरां में काम करने लग गए। 

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आजकल विजय अपने रेस्तरां में ही मैनेजर का काम कर रहे हैं। इस दौरान उन्होंने प्रैक्टिस के लिए अपने पास सारे उपकरण भी रखे हैं। टिहरी झील महोत्सव में भी पिछले साल विजय ने अपनी प्रस्तुति दी थी।

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