नए पर्यटक स्थल के रूप में उभर रहा कांगुड़ा

थौलधार का कांगुड़ा नए पर्यटक स्थल के रूप में उभर रहा है। यह स्थल धार्मिक व पर्यटन दोनों लिहाज से महत्वपूर्ण हैं। यह क्षेत्र पट्टी गुसाई के 1

By JagranEdited By: Publish:Mon, 26 Oct 2020 07:34 PM (IST) Updated:Tue, 27 Oct 2020 05:10 AM (IST)
नए पर्यटक स्थल के रूप में उभर रहा कांगुड़ा
नए पर्यटक स्थल के रूप में उभर रहा कांगुड़ा

संवाद सहयोगी, नई टिहरी: थौलधार का कांगुड़ा नए पर्यटक स्थल के रूप में उभर रहा है। यह स्थल धार्मिक व पर्यटन दोनों लिहाज से महत्वपूर्ण हैं। यह क्षेत्र पट्टी गुसाई के 18 गांवों के मध्य स्थित है, जो काफी रमणीक है। यदि मेंडखाल-ज्वारना-बंगियाल मोटर मार्ग को पर्यटन मार्ग के रूप में विकसित किया जाता है तो यहां पर पर्यटन की अपार संभावना बढ़ जाएगी। गंगा दशहरा पर इस स्थान पर भव्य मेला भी आयोजित होता है, जिसमें बड़ी संख्या में स्थानीय निवासियों के अलावा बाहर से भी पर्यटक पहुंचते हैं।

कांगुड़ा जिला मुख्यालय से करीब 55 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। दूर तक फैला हरा-भरा मैदान पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। मैंडखाल कस्बे से करीब एक किलोमीटर की दूरी तय कर यहां पहुंचा जा सकता है। इस स्थल के मैंडखाल से टिहरी झील तक एक मार्ग निकलता है। वहीं मैंडखाल-बंगियाल-ज्वारना मोटर मार्ग प्रसिद्ध सिद्धपीठ सुरकंडा, मसूरी व पर्यटक स्थल धनोल्टी को जोड़ता है। इस मार्ग से मसूरी की दूरी भी 25 किलोमीटर कम हो जाती है। अभी तक इस मार्ग को पर्यटक के रूप में पहचान नहीं मिली। हालांकि मसूरी, धनोल्टी से इस मार्ग के होते हुए पर्यटक कांगुड़ा पहुंचते हैं लेकिन अभी तक उतनी संख्या में पर्यटक नहीं पहुंच पाते हैं। यहां पर पर्यटकों की आवाजाही बढ़ने से इडियान, पलोगी, मंजरवाल गांव, धमाड़ी, पगड़ी गांव हो स्टे के रूप में विकसित हो सकते हैं, जिससे स्थानीय स्तर पर युवाओं को रोजगार भी मिल सकता है। गर्मियों से सीजन में दूरदराज क्षेत्र से पर्यटक यहां आते हैं। व्यापार मंडल अध्यक्ष प्रेमदत्त जुयाल का कहना है कि यह स्थल उभरता हुआ पर्यटक स्थल है और आने वाले समय में यहां पर पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी। यह है खासियत

- यहां के प्राकृतिक सौंदर्य करता है आकर्षित

- सिद्धपीठ सुरकंडा व सेममुखेम के दर्शन होते हैं।

- टिहरी झील की नदी घाटी दिखाई देती है।

- हिमालय की पहाड़ियों के दीदार होते हैं।

क्षेत्रवासियों के सहयोग से तैयार हो रहा भव्य मंदिर

यहां पर नागराजा का काफी प्राचीन मंदिर है, जो धार्मिक लिहाज से महत्वपूर्ण है। मेले के मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं। अब इस मंदिर को भव्य रूप दिया जा रहा है, जिसमें पट्टी गुसाई के 18 गांवों के ग्रामीणों ने खुद चंदा एकत्रित कर मंदिर निर्माण करवाया है। जल्द ही अब यह मंदिर नए स्वरूप में दिखाई देगा। अभी तक मंदिर निर्माण में 45 लाख रुपये खर्च हो चुके हैं।

- कांगुड़ा पर्यटक व धार्मिक दृष्टि दोनों से ही महत्वपूर्ण है। यहां पर दूरदराज क्षेत्रों से पर्यटक आते हैं। साथ ही नागराजा के दर्शन करने भी श्रद्धालु पहुंचते हैं। यह स्थान काफी रमणीक व पर्यटन के लिहाज से महत्वपूर्ण है।

दिलवर सिंह रावत

अध्यक्ष नागराजा मंदिर समिति

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