सुनियोजित विकास के साथ पर्यावरण बचाना भी जरूरी

संवाद सहयोगी, नई टिहरी : राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय नई टिहरी में जंतु विज्ञान व वनस्पति विज्ञान

By JagranEdited By: Publish:Fri, 24 Sep 2021 10:55 PM (IST) Updated:Fri, 24 Sep 2021 10:55 PM (IST)
सुनियोजित विकास के साथ  पर्यावरण बचाना भी जरूरी
सुनियोजित विकास के साथ पर्यावरण बचाना भी जरूरी

संवाद सहयोगी, नई टिहरी : राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय नई टिहरी में जंतु विज्ञान व वनस्पति विज्ञान की ओर से 'नेशनल कांफ्रेंस आन कंजर्वेशन एंड सस्टेनेबल डेवलपमेंट आफ हिमालयन वाटर एंड ईको सिस्टम इन उत्तराखंड' विषय पर दो दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया। पहले दिन विषय विशेषज्ञों ने कहा कि समय के साथ सुनियोजित विकास होना जरूरी है, जिससे पर्यावरण को कम से कम नुकसान पहुंचे।

सेमिनार की शुरुआत टिहरी के विधायक धन सिंह नेगी व उच्च शिक्षा निदेशक डा. पीके पाठक ने संयुक्त रूप से दीप जलाकर की। इस अवसर पर विधायक नेगी ने कहा कि विकास की दौड़ में हम प्राकृतिक संसाधनों का दोहन करने में लगे हैं, जो भविष्य के लिए शुभ संकेत नहीं हैं। कहा कि विकास के साथ-साथ प्राकृतिक संसाधनों को भी बचाना होगा। डा. पीके पाठक ने कहा कि हिमालय में कई ऐसे क्षेत्र हैं, जहां पर जड़ी-बूटी का दोहन के साथ ही पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। जड़ी-बूटी का गलत दोहन से कई प्रकार की जड़ी-बूटी समाप्ति की कगार पर हैं। पूर्व वन संरक्षक डा. आरबीएस रावत ने वेटलैंड ईको सिस्टम कंजर्वेशन के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि विकास के नाम पर जिस तरह बड़ी परियोजनाओं का निर्माण किया जा रहा है, उसका सीधा असर जलवायु परिवर्तन पर पड़ रहा है। रूसा के संयुक्त निदेशक डा. एस उनियाल ने बताया कि पर्यावरण के क्षेत्र में आज कई संस्थाएं कार्य कर रही है। कार्यक्रम में महाविद्यालय की प्राचार्य डा. रेनू नेगी, डा. आरती खंडूड़ी, डा. वीपी सेमवाल, डा. आशा डोभाल, डा. कविता काला, रजनी गुसार्इं, डा. डीपीएस भंडारी, डा. सुमन गुसार्इं, एएम पैन्यूली आदि मौजूद थे।

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