टिहरी झील का जलस्तर बढ़ाने की अनुमति पर ग्रामीणों का विरोध
जागरण संवाददाता, नई टिहरी: शासन की ओर से टीएचडीसी प्रबंधन को टिहरी झील का जलस्तर 830 मीटर तक भरने की
जागरण संवाददाता, नई टिहरी: शासन की ओर से टीएचडीसी प्रबंधन को टिहरी झील का जलस्तर 830 मीटर तक भरने की अनुमति देने के बाद बांध प्रभावित ग्रामीणों ने इसका विरोध शुरू कर दिया है। इस संबंध में सोमवार को जिलाधिकारी से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा जाएगा।
टिहरी बांध झील बनने के बाद अभी भी लगभग 17 गांवों के कुछ परिवारों का विस्थापन नहीं हुआ है। यह सभी आंशिक डूब क्षेत्र के दायरे में शामिल हैं। आंशिक डूब क्षेत्र संघर्ष समिति के अध्यक्ष सोहन सिंह राणा ने बताया कि टिहरी बांध प्रभावित नंदगांव, भटकंडा, लुणेटा, उठड़, पिपोला, चोपड़ा, खांड, धारमंडल और पयाल आदि गांवों के लगभग 415 परिवारों का अभी विस्थापन नहीं हुआ है। टीएचडीसी अभी झील का जलस्तर 828 मीटर तक ही भरता है। लेकिन, अब अगर झील का जलस्तर 830 मीटर तक किया जाएगा तो ग्रामीणों में मकानों और खेतों में भूधसाव की समस्या बढ़ सकती है। वर्ष 2012 से हम विस्थापन की मांग कर रहे हैं। लेकिन, प्रशासन हमें गुमराह कर रहा है। मकानों में दरार के चलते ग्रामीण खतरे में जी रहे हैं। अब छह सितंबर को जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन दिया जाएगा। अगर उनकी मांग नहीं मानी गई तो ग्रामीण आंदोलन करेंगे। इस संबंध में जिलाधिकारी इवा आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि झील का जलस्तर 830 मीटर बढ़ाने के लिए शासन ने अनुमति दी है। हालांकि इसके लिए शासन ने टीएचडीसी को बांध विस्थापन के मामले सुलझाने और जन सुरक्षा के इंतजाम करने के निर्देश भी दिए हैं। जलस्तर बढ़ाने से पहले सुरक्षा के भी व्यापक इंतजाम किए जाएंगे।