आपदा प्रभावित क्षेत्र देवप्रयाग पहुंचे मुख्यमंत्री, कहा- प्रभावितों को हर संभव सहायता दी जाएगी
बुधवार को मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत आपदा प्रभावित क्षेत्र देवप्रयाग पहुंचे। उन्होंने कहा कि प्रभावितों की तत्काल मदद की जाए। जिलाधिकारी नुकसान का आंकलन जल्द करें। जल्द से जल्द मलबा हटाया जाए। जनता की सुरक्षा सबसे पहले है।
जागरण संवाददाता, टिहरी। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने बादल फटने से देवप्रयाग शांति बाजार में हुए नुकसान का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को जल्द से जल्द बाजार से मलबा हटाने और नागरिकों की सुरक्षा के प्रबंध करने के निर्देश दिए। बुधवार को मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत और कृषि मंत्री सुबोध उनियाल सुबह देवप्रयाग पहुंचे और वहां आपदा से हुए नुकसान की जानकारी ली।
बादल फटने के बाद बीती शाम शांता नदी उफान पर आ गई और उससे आइटीआइ भवन सहित कई दुकानें ध्वस्त हो गई थी। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी इवा आशीष श्रीवास्तव को बाजार से जल्द से जल्द मलबा हटाने और सुरक्षा प्रबंध करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा की आपदा से हुए नुकसान की रिपोर्ट तैयार की जाए और पीड़ितों को मुआवजा दिया जाए। इस दौरान उन्होंने नए आइटीआइ भवन के लिए जमीन तलाशने के निर्देश भी दिए।
देवप्रयाग के दशरथ पर्वत पर भी आपदा के कारण ग्रामीण क्षत्रों के पैदल रास्ते और पुलिया भी बह गए थे उनके निर्माण के लिए भी मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए। देवप्रयाग व्यापार मंडल अध्यक्ष विनय गोयल के नेतृत्व में व्यापारियों ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया और कहा कि उन्हें आपदा से भारी नुकसान हो गया है ऐसे में सरकार इस कोरोना काल में उन्हें आर्थिक मदद भी दे। इस दौरान सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत, देवप्रयाग विधायक विनोद कंडारी, एसएसपी तृप्ति भट्ट, एसडीएम आकांक्षा वर्मा आदि मौजूद रहे।
कोविड सेंटर बनाने के निर्देश
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने नवनिर्मित जीएनवीएन गेस्ट हाउस को कोविड केयर सेंटर बनाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि देवप्रयाग में कोविड केयर सेंटर बनाने से स्थानीय स्तर पर मरीजों को तत्काल लाभ मिल सकेगा। कोरोना संक्रमण इस समय सभी जगह फैल रहा है ऐसे में यहां पर कोविड सेंटर होना जरुरी है। इस दौरान मुख्यमंत्री ने देवप्रयाग तहसील के निर्माणाधीन भवन का भी निरीक्षण किया और जिलाधिकारी को कार्य जल्द पूरा करने के निर्देश दिए।
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