झील का जलस्तर बढ़ने से खतरे को देखते हुए प्रशासन ने कसी कमर

जागरण संवाददाता, नई टिहरी: टिहरी बांध की झील का जलस्तर 828 मीटर से ऊपर होने के बाद ग्रामीण क्षेत्रों

By JagranEdited By: Publish:Mon, 13 Sep 2021 10:20 PM (IST) Updated:Mon, 13 Sep 2021 10:20 PM (IST)
झील का जलस्तर बढ़ने से खतरे को देखते हुए प्रशासन ने कसी कमर
झील का जलस्तर बढ़ने से खतरे को देखते हुए प्रशासन ने कसी कमर

जागरण संवाददाता, नई टिहरी: टिहरी बांध की झील का जलस्तर 828 मीटर से ऊपर होने के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में खतरे को देखते हुए जिला प्रशासन ने शासन को इसकी जानकारी दी है। पिछले महीने शासन ने टीएचडीसी को टिहरी बांध की झील को 830 मीटर तक भरने की अनुमति दी थी। इसके बाद टिहरी झील का जलस्तर 828.30 मीटर हो गया है। मामले में ग्रामीण भी अब शासन-प्रशासन के खिलाफ आंदोलन की रणनीति तैयार करने में जुटे हैं।

टीएचडीसी अभी तक 828 मीटर तक ही टिहरी झील में पानी भरता था, लेकिन इस बार शासन की अनुमति मिलने के बाद झील का जलस्तर 830 मीटर तक भरा जाएगा। बीती रविवार को झील का जलस्तर 828 मीटर से ऊपर होने पर सिल्ला उप्पू गांव के नजदीक पानी पहुंच गया था।।सोमवार को भी नंदगांव, छोलगांव पलास, खांड, लुणेटा, भटकंडा, पिपोला, उत्थड़, मदन नेगी, गडोली, रौलाकोट, सिल्ला उप्पू, भल्ड गांव आदि गांवों में मकानों के पास पानी पहुंचने से ग्रामीण डरे रहे। मामले में जिलाधिकारी इवा आशीष श्रीवास्तव ने भी जलस्तर बढ़ने से ग्रामीणों को खतरा देखते हुए शासन को जानकारी दे दी है।

वहीं झील से सटे गांवों के ग्रामीण भी दोबारा से आंदोलन की रणनीति बनाने में जुट गए हैं। आंशिक डूब क्षेत्र संघर्ष समिति के अध्यक्ष सोहन सिंह राणा का कहना है कि सरकार ने ग्रामीणों का विस्थापन किए बगैर झील का जलस्तर बढ़ाने की अनुमति दी है, जो गलत है। अगर ग्रामीणों की मांग नहीं सुनी गई तो उग्र आंदोलन के सिवा और कोई रास्ता हमारे पास नहीं है।

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झील का जलस्तर बढ़ने से खतरे को देखते हुए शासन को इसकी जानकारी दे दी है। शासन से निर्देश मिलने के बाद ही आगे कोई कार्रवाई की जाएगी। हालांकि ग्रामीण क्षेत्रों में राजस्व और पुनर्वास विभाग के कर्मचारियों को ग्रामीणों को सतर्क करने के निर्देश दिए गए हैं।

इवा आशीष श्रीवास्तव, जिलाधिकारी टिहरी गढ़वाल

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