युवा पीढ़ी को सशक्त विजन बनाने पर दिया जोर
उत्तराखंड राजनीति विज्ञान विभाग राजकीय महाविद्यालय जखोली के तत्वाधान में पर्यावरण के क्षेत्र में सुंदरलाल बहुगुणा का योगदान विषय पर आनलाइन कार्यशाला का आयोजन किया गया।
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड राजनीति विज्ञान विभाग राजकीय महाविद्यालय जखोली के तत्वाधान में पर्यावरण के क्षेत्र में सुंदरलाल बहुगुणा का योगदान विषय पर आनलाइन कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें युवा पीढ़ी को पर्यावरण संरक्षण के लिए एक सशक्त विजन बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया। ताकि भविष्य में पर्यावरण संरक्षण हो सके।
आनलाइन कार्यशाला में मुख्य वक्ता वृक्ष मित्र त्रिलोक चन्द्र सोनी ने कहा कि पर्यावरण का दोहन ही प्राकृतिक आपदाओं का मुख्य कारण है। पहाड़ी क्षेत्रों में जंगलों में आगजनी की घटनाओं ने पशु पक्षियों की प्रजातियों पर अस्तित्व का संकट उत्पन्न कर दिया है। पर्यावरण संरक्षण मनुष्य का प्राथमिक उद्देश्य है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते महाविद्यालय की प्राचार्य डा. माधुरी ने कहा कि समाज के प्रत्येक व्यक्ति का प्रकृति की उम्मीदों पर खरा उतरना मुख्य उद्देश्य होना चाहिए। निश्चित रूप से पर्यावरण संतुलन मनुष्य का प्राथमिक उतरदायित्व है। इतिहास विभाग के विभागाध्यक्ष डा. देवेश चंद्र ने कहा कि पर्यावरण और मनुष्य एक दूसरे के पूरक हैं, इसलिए हमें पर्यावरणीय संतुलन को बनाए रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है। भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय बिहार की डा. भारती सेहता ने पर्यावरण को सुरक्षित करने के लिए आंतरिक परिवर्तन को आवश्यक बताया। डा. केतकी तारा ने कहा कि उत्तराखंड की भूमि प्राकृतिक और मानवीय संसाधनों के लिए जानी जाती है, इसलिए इसे संरक्षित करना हमारी मौलिक •िाम्मेदारी है। डॉ विकास शुक्ला ने पर्यावरण संरक्षण में सुंदरलाल बहुगुणा के योगदान को अभूतपूर्व बताया। कार्यक्रम मे डा. बबित कुमार बिहान, डा. नन्दलाल, डा.सुभाष कुमार, डॉ मीनाक्षी शर्मा, डा.भारती शामिल थे। कार्यक्रम का संचालन डा. देवेश चंद्र व डॉ विकास शुक्ला ने किया।