23 करोड़ की योजना भी नहीं कर सकी हलक तर

संवाद सहयोगी रुद्रप्रयाग 23 करोड़ की लागत से भले ही जिले के तल्लानागपुर में पेयजल किल्लत दूर

By JagranEdited By: Publish:Thu, 21 Feb 2019 05:26 PM (IST) Updated:Thu, 21 Feb 2019 05:26 PM (IST)
23 करोड़ की योजना भी नहीं कर सकी हलक तर
23 करोड़ की योजना भी नहीं कर सकी हलक तर

संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: 23 करोड़ की लागत से भले ही जिले के तल्लानागपुर में पेयजल किल्लत दूर करने के लिए पेयजल योजना का निर्माण किया गया हो, लेकिन इसके बावजूद यहां के लोगों की समस्या हल नहीं हो पाई है। सरकारी तंत्र की घोर लापरवाही आम ग्रामीणों पर भारी पड़ रही है। योजना तो बनी है, लेकिन इसमें पानी की आपूर्ति न होने से समस्या खड़ी हो रही है।

अगस्त्यमुनि विकास खंड के तल्लानागपुर क्षेत्र के 40 से अधिक गांवों में गंभीर पेयजल संकट बना हुआ है। यहां के ग्रामीण पानी की एक-एक बूंद के लिए तरस रहे हैं। आसमान से जहां पानी जमकर बरस रहा है, वहीं पीने के पानी की एक बूंद के लिए भी लोग तरस रहे हैं। करोड़ों रुपये खर्च कर तल्लानागपुर पं¨पग पेयजल योजना का निर्माण तो किया गया, लेकिन इस योजना में पानी की सप्लाई नहीं हो रही है। जिससे ग्रामीणों को गंभीर समस्या बनी है। विकास खंड के स्यूंड, दरम्वाड़ी, सतेराखाल, स्यूंपुरी, खतेणा, चामक, मयकोटी, बावई, बमोली, कर्णधार, बेंजी सहित 40 से गांवों प्रभावित हो रहे हैं। इस क्षेत्र में जलनिगम व जल संस्थान की दो पेयजल योजना संचालित हो रही हैं। जिसमें जल निगम की तल्लानापुर पं¨पग पेयजल योजना पर नियमित पानी की सप्लाई नहीं हो रही है। जबकि जलसंस्थान की स्वारी-ग्वांस और तल्लानागुर योजना भी आपूर्ति करने में विफल साबित हो रहे हैं। पेयजल आपूर्ति न होने से मजबूर ग्रामीण कई किमी दूर प्राकृतिक पेयजल स्त्रोतों से पानी ला रहे है।

ग्रामीणों का आरोप है कि कई बार शिकायत के बावजूद जलनिगम और जल संस्थान ने कोई कदम नहीं उठाए हैं। जिससे समस्या जस की तस बनी हुई है। ग्रामीणों द्वारा लगातार इस संबंध में अधिकारियों को शिकायती पत्र देने के साथ ही जिला पंचायत की त्रैमासिक बैठक में भी इस मुद्दे को उठाया गया है, लेकिन फिर भी बात नहीं बन पा रही है। वहीं, अधिकारी बिजली आपूर्ति में व्यवधान होने से लिफ्ट पंपिंग योजना में पानी की आपूर्ति में व्यवधान होने की बात कह रहे हैं। वहीं जलसंसथान के ईई संजय सिंह ने बताया कि योजना काफी लंबी है, जिससे कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त होती रहती है, जिसे ठीक करने में कुछ समय लगता है, जिस करण पेयजल आपूर्ति में व्यवधान आता है।

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