गंदगी फैलाने वाले पर्यटकों की खैर नहीं

संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: प्रसिद्ध पर्यटक स्थल चोपता-तुंगनाथ समेत आसपास के क्षेत्र में कूड़ा कचरा व

By JagranEdited By: Publish:Mon, 12 Nov 2018 07:26 PM (IST) Updated:Tue, 13 Nov 2018 12:01 AM (IST)
गंदगी फैलाने वाले पर्यटकों की खैर नहीं
गंदगी फैलाने वाले पर्यटकों की खैर नहीं

संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: प्रसिद्ध पर्यटक स्थल चोपता-तुंगनाथ समेत आसपास के क्षेत्र में कूड़ा कचरा व प्लास्टिक फैलाने वाले पर्यटकों पर वन विभाग ने नकेल कसने की तैयारी शुरू कर दी है। तुंगनाथ घाटी के बुग्यालों में जाने वाले प्रत्येक यात्री की नियमित चे¨कग की जाएगी। इस क्षेत्र में कूड़ा-कचरा व प्लास्टिक छोड़ने वाले पर्यटक से वन विभाग पांच हजार रुपये तक का जुर्माना वसूलेगा।

चोपता-तुंगनाथ क्षेत्र सेंचुरी एरिया होने के साथ प्रसिद्ध पर्यटक स्थल भी है। यहां शीतकाल में अत्यधिक बर्फबारी होती है। मई से अक्टूबर माह तक तुंगनाथ धाम के दर्शनों के लिए भारी संख्या में यहां यात्री आते-जाते रहते हैं, जबकि नवंबर से जनवरी के बीच अधिक बर्फबारी होने के बाद यहां पर्यटकों की चहलकदमी बढ़ जाती है। 31 दिसंबर को यहां हजारों की संख्या में पर्यटक नये साल के जश्न के लिए पहुंचते हैं। अधिकांश पर्यटक और यात्री ऐसे होते हैं, जो अपने साथ प्लास्टिक और अन्य सामान लाते हैं और बुग्यालों में ही छोड़ देते हैं। इससे यहां के पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचता है। बुग्यालों में प्लास्टिक से हो रहे नुकसान पर पूर्व में वैज्ञानिकों ने भी ¨चता जाहिर की थी। हालांकि पूर्व में चलाए गए सफाई अभियान में चोपता-तुंगनाथ क्षेत्र से कई टन प्लास्टिक का कूड़ा-कचरा एकत्रित किया गया था।

कूड़े-कचरे की समस्या से निपटने के लिए केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग ने इस पर नकेल कसने की तैयारी कर दी है। जो भी पर्यटक तुंगनाथ और आस-पास के बुग्यालों के सैर सपाटा के लिए पहुंचेगा, उन सबकी नियमित चे¨कग की जाएगी। यदि कोई पर्यटक अपने साथ प्लास्टिक का सामान लेकर जाता है, तो उससे वन विभाग के कर्मचारियों के पास पांच सौ रुपये जमा कराने होंगे। यात्री यदि अपने साथ बुग्यालों में ले गए प्लास्टिक एवं अन्य कचरे को वापस नहीं लाता है, तो उससे पांच हजार रुपये का जुर्माना वसूल किया जाएगा। केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग के डीएफओ अमित कंवर का कहना है कि पर्यटक बुग्याल वाले क्षेत्रों में प्लास्टिक से काफी गंदगी कर देते हैं, जिससे हिमालयी क्षेत्रों को भारी नुकसान पहुंचता है। प्लास्टिक का कचरा हिमालयी क्षेत्र में फेंकने पर पर्यटकों से जुर्माना वसूला जाएगा।

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