अब हेलीकॉप्टर के शोर से पढ़ाई नहीं होगी बाधित, जानिए कैसे

रुद्रप्रयाग में अब हेलीकॉप्टर से बच्चों की पढ़ार्इ प्रभावित नहीं होगी। डीएम ने स्कूलों में दो दो साउंड प्रूफ कमरे बनाने के निर्देश दिए। जिसके बाद कुछ बनकर तैयार भी हो गए हैं।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Mon, 24 Sep 2018 03:05 PM (IST) Updated:Mon, 24 Sep 2018 03:07 PM (IST)
अब हेलीकॉप्टर के शोर से पढ़ाई नहीं होगी बाधित, जानिए कैसे
अब हेलीकॉप्टर के शोर से पढ़ाई नहीं होगी बाधित, जानिए कैसे

रुद्रप्रयाग, [जेएनएन]: केदारघाटी में हेलीकॉप्टर के शोर शराबे से प्रभावित प्राथमिक विद्यालयों में अब पढ़ाई बाधित नहीं होगी। केदारनाथ धाम में हवाई सेवा दे रही हवाई कंपनियों ने डीएम के निर्देश पर दो-दो स्कूलों में दो-दो कमरों को साउंडप्रूफ कर दिया है। चार कंपनियों ने कुल आठ स्कूल साउंड प्रूफ किए हैं, जबकि तीन अन्य कंपनियों का भवन निर्माण कार्य भी प्रगति पर है। 

वर्ष 2002 में केदारनाथ धाम के लिए पवन हंस हवाई कंपनी सेवाएं देती आ रही थी। बाद में प्रभातम कंपनी को भी उड़ान भरने की अनुमति मिल गई। वर्ष 2012 से केदारघाटी में हवाई सेवाओं का क्रेज बढऩा शुरू हुआ। केदारनाथ आपदा के बाद से तो हवाई सेवाओं की बाढ़ सी आ गई। 

केदारनाथ के लिए 9 से 13 कंपनियों को शासन से उड़ान भरने की अनुमति मिलनी शुरू हो गई। केदारनाथ यात्रा के दौरान गुप्तकाशी, फाटा, सोनप्रयाग, शेरसी, नाला, नारायणकोटी समेत कई स्थानों पर यात्रियों की आवाजाही के लिए जब हेलीकॉप्टर स्कूलों के ऊपर से उड़ान भरते थे तो शोरशराब से बच्चों की पढ़ाई बाधित होती थी। हवाई कंपनियों को तो इससे फायदा हो रहा था, लेकिन स्थानीय लोग इससे परेशान हो रहे थे। 

इसी को देखते हुए डीएम ने मंगेश घिल्डियाल ने हवाई कंपनियों के साथ बैठक कर सीआरएस मद से संबंधित स्कूलों में दो-दो कमरे साउंडप्रूफ बनाने को कहा था। डीएम ने बताया कि ऐरो एविएशन ने खाट, आर्यन एविएशन ने नारायणकोटी, ग्लोबल एविऐशन ने सोनप्रयाग एवं हिमालयन एविऐशन ने सेरसी में दो-दो विद्यालयों में साउंड प्रूफ भवनों का निर्माण पूर्ण कर लिया है। हेरिटेज व पवन हंस एविएशन की ओर से दो-दो विद्यालयों में निर्माण कार्य प्रगति पर है। 

यूटीएयर एविएशन की ओर से भी एक सप्ताह के अंदर साउंड प्रूफ कमरों का कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा। फिलहाल पिनैकल एवं ट्रांस भारत एविएशन केदारघाटी में उड़ानें संचालित नहीं कर रहे हैं। जब यह दोनों कंपनियां उड़ानें संचालित करेंगी तो उन्हें भी साउंडप्रूफ कमरों के निर्माण के लिए कहा जाएगा। 

यह भी पढ़ें: उत्तराखंड के 560 प्राथमिक विद्यालयों में दांव पर बचपन 

यह भी पढ़ें: गढ़वाल विवि की ये अनदेखी हजारों छात्रों पर पड़ रही है भारी

यह भी पढ़ें: नैक के लिए आवेदन करेंगे सरकारी कॉलेज: डॉ रावत

chat bot
आपका साथी