आसान होगी द्वितीय केदार मध्यमेश्वर की राह

रविंद्र कप्रवान रुद्रप्रयाग समुद्रतल से 11470 फीट की ऊंचाई पर रुद्रप्रयाग जिले में स्थित द्वितीय के

By JagranEdited By: Publish:Sun, 24 Oct 2021 06:10 PM (IST) Updated:Sun, 24 Oct 2021 06:10 PM (IST)
आसान होगी द्वितीय केदार मध्यमेश्वर की राह
आसान होगी द्वितीय केदार मध्यमेश्वर की राह

रविंद्र कप्रवान, रुद्रप्रयाग

समुद्रतल से 11470 फीट की ऊंचाई पर रुद्रप्रयाग जिले में स्थित द्वितीय केदार मध्यमेश्वर धाम की राह अब आसान होने जा रही है। आने वाले समय में धाम के प्रमुख पड़ाव गौंडार गांव तक पांच किमी मोटर मार्ग बनने के बाद श्रद्धालुओं को यहां पहुंचने के लिए सिर्फ 13 किमी की दूरी ही पैदल तय करनी पड़ेगी। बीते 20 वर्षो से वन कानूनों में उलझे निर्माणाधीन तलसारी- गौंडार मोटर मार्ग को केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने स्वीकृति प्रदान कर दी है। वन निगम की ओर से पेड़ों का छपान होने के बाद इसी वर्ष मोटर मार्ग पर कटिग का कार्य शुरू कर दिया जाएगा। इसके लिए लोनिवि ने टेंडर समेत अन्य समस्त तैयारियां पूरी कर ली हैं। इससे तीर्थाटन व पयर्टन की गतिविधियां तो बढ़ेंगी ही, गौंडारवासियो का वर्षों पुराना सपना भी साकार होगा।

सीमांत गांव गौंडार से तलसारी तक सड़क निर्माण के लिए वर्ष 2005-06 में शासन से 84 लाख की धनराशि स्वीकृत हुई थी। लेकिन, मामला सेंचुरी एरिया व वन कानूनों में उलझने के कारण कार्य शुरू नहीं हो पाया। इसके बाद गौंडार के ग्रामीणों ने कई बार धरना-प्रदर्शन व चुनाव बहिष्कार भी किया, लेकिन नतीजा सिफर रहा। वर्ष 2017 में राष्ट्रीय वन्य जीव बोर्ड से निर्माण कार्य की अनुमति तो मिली, लेकिन वन भूमि हस्तांतरित न होने से मामला फिर अटक गया। इसी वर्ष लोनिवि ऊखीमठ ने वन भूमि हस्तांतरण की पत्रावलियां तैयार कर केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की वेबसाइट पर अपलोड कीं। इसमें भी बार-बार आपत्तियां लगने से काफी दिक्कतें सामने आई।

खैर! लंबे इंतजार के बाद इसी वर्ष फरवरी में उक्त मोटर मार्ग के लिए वन भूमि हस्तांतरण को स्वीकृति मिल चुकी है। विभाग ने मोटर मार्ग निर्माण में आ रहे पेड़ों के छपान के लिए वन निगम को पत्र भेज दिया है। इसके बाद निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। इसके लिए विभाग की ओर से टेंडर समेत अन्य औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं। गौंडार की पूर्व प्रधान सुमन देवी बताती हैं कि इस मोटर मार्ग के निर्माण से द्वितीय केदार मध्यमेश्वर धाम की राह भी आसान होगी। वर्तमान में मध्यमेश्वर पहुंचने के लिए 18 किमी की दूरी पैदल नापनी पड़ती है, जो मोटर मार्ग बनने से 13 किमी रह जाएगी।

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'तलसारी-गौंडार मोटर मार्ग निर्माण को वर्ष 2005-06 में स्वीकृत 84 लाख की धनराशि खर्च करने के साथ ही नया रिवाइज इस्टीमेट शासन को भेजा जाएगा। ताकि, गौंडार को शीघ्र मोटर मार्ग से जोड़ा जा सके।'

- मनोज भट्ट, अधिशासी अभियंता, लोनिवि, ऊखीमठ (रुद्रप्रयाग)

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