पांडवों की विदाई का पल भक्तों को कर गया भावुक

संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: भरदार क्षेत्र के दरमोला गांव में चल रहे पांडव नृत्य का फल वितरण के साथ सम

By JagranEdited By: Publish:Fri, 03 Dec 2021 10:08 PM (IST) Updated:Fri, 03 Dec 2021 10:08 PM (IST)
पांडवों की विदाई का पल भक्तों को कर गया भावुक
पांडवों की विदाई का पल भक्तों को कर गया भावुक

संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: भरदार क्षेत्र के दरमोला गांव में चल रहे पांडव नृत्य का फल वितरण के साथ समापन हो गया। पांडवों ने अस्त्र-शस्त्रों के साथ नृत्य करने के बाद भगवान नारायण की ओर से फेंके गए फलों को भक्तों ने प्रसाद के रूप में ग्रहण किया। इस दौरान देव निशानों और पांडवों की ससुराल स्वीली जाने के बीच विदाई का पल भक्तों को भावुक कर गया। ग्रामीण बड़ी संख्या में देव निशानों को गांव तक छोड़ने भी गए। अंतिम दिन दूर-दराज क्षेत्रों से सैकड़ों की संख्या में पहुंचे भक्तों ने पांडवों का आशीर्वाद लिया।

बीते 14 नवंबर से ग्राम पंचायत दरमोला में शुरू हुए पांडव नृत्य का विधिवत समापन हो गया है। भगवान बदरी विशाल एवं शिव की विशेष पूजा-अर्चना के बाद भोग लगाया गया। पुजारी ने पांडवों के अस्त्र-शस्त्रों की भी विशेष पूजा-अर्चना की गई। पहले तो ढोल-दमाऊं की थाप पर पांडवों के साथ ही स्थानीय निवासियों ने भी नृत्य किया। बाद में बाण आने पर पांडवों ने ही अस्त्र-शस्त्रों के साथ नृत्य किया। पांडवों के नृत्य ने सबको खूब आनंदित किया। भगवान नारायण के पश्वा समेत सभी पांडवों ने अंत में भक्तों के बीच फल फेंके, जिसे भक्तों ने प्रसाद के रूप में ग्रहण किया। मान्यता है कि जो भक्त इस फल को पकड़ता है, उसे मनवांछित फल की फल की प्राप्ति होती है।

इससे पहले बीती गुरुवार रात को सिरोता के अवसर पर रातभर अस्त्र-शस्त्रों के साथ पांडव नृत्य चला, जिसमें गैंडे का कौथिग आकर्षण का केंद्र बना रहा। गैंडे के मरने के बाद पांडवों ने जौ की फसल बौने के साथ ही उसे काटने का सजीव चित्रण किया। फसल कटने के बाद उसका एक हिस्सा भगवान बदरीनाथ को चढ़ाया गया। इस दौरान पांडवों ने केदारनाथ यात्रा पर जाने का मंचन कर भी किया। शुक्रवार को अंत में पांडवों एवं देवी-देवताओं के निशान अपने ससुराल स्वीली गांव के लिए विदाई का दृश्य सभी भक्तों को भावुक कर गया। इस दौरान भक्तों के जयकारों के साथ यहां पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया। पांडव नृत्य देखने के लिए दरमोला, डुंग्री, स्वीली, सेम, जवाड़ी, रौठिया, मेदनपुर से बड़ी संख्या भक्तजन उपस्थित थे। इस दौरान मैती मंथन संगठन के संस्थापक सदस्य दिनेश पंवार ने सभी पांडव, देवताओं के पश्वों के साथ ही कीर्तन मंडलियों को शाल भेंटकर सम्मानित किया गया। पांडव कमेटी ने संस्था का आभार जताया। इस अवसर पर पुजारी कीर्ति प्रसाद डिमरी, पांडव लीला कमेटी के अध्यक्ष जसपाल पंवार, कोषाध्यक्ष राजेंद्र कप्रवान, उक्रांद नेता मोहित डिमरी, गिरीश डिमरी, विजय सिंह, पूर्व क्षेपंस गुड्डी देवी, रमेश पंवार, नरेंद्र पंवार, अनिल पंवार, दिनेश पंवार समेत बड़ी संख्या में भक्त उपस्थित थे।

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