ग्रामीण नौ दिन से आंदोलन पर, सुध लेने नहीं पहुंचा कोई अधिकारी

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोलने की मांग को लेकर त्रियुगीनारायण के ग्रामीणों का क्रमिक अनशन नवें दिन भी जारी रहा। हालांकि अब तक कोई अधिकारी ग्रामीणों की सुध लेने नहीं पहुंचा है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 23 Jul 2021 06:32 PM (IST) Updated:Fri, 23 Jul 2021 09:58 PM (IST)
ग्रामीण नौ दिन से आंदोलन पर, सुध लेने नहीं पहुंचा कोई अधिकारी
ग्रामीण नौ दिन से आंदोलन पर, सुध लेने नहीं पहुंचा कोई अधिकारी

संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोलने की मांग को लेकर त्रियुगीनारायण के ग्रामीणों का क्रमिक अनशन नवें दिन भी जारी रहा। हालांकि अब तक कोई अधिकारी ग्रामीणों की सुध लेने नहीं पहुंचा है। ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन पर अनदेखी का आरोप लगाया है। वहीं किसान सभा के कार्यकत्र्ताओं ने आंदोलन को समर्थन देते हुए उनकी मांगों को जायज बताया और सरकार से आवश्यक कार्रवाई की मांग की।

शुक्रवार को भी त्रियुगीनारायण में स्वास्थ्य केंद्र की मांग को लेकर ग्रामीण क्रमिक अनशन पर बैठे रहे। इस दौरान ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन कर नारेबाजी की। इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि ग्रामीण पिछले नौ दिनों से आंदोलन पर हैं, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई न होने से ग्रामीणों ने आंदोलन तेज करने का निर्णय लिया है। अभी तक गांव की महिलाएं व पुरुष क्रमिक अनशन में भाग ले रहे थे। कुछ दिनों में बच्चे भी इस आंदोलन में आगे आएंगे। आक्रोशित ग्रामीणों ने स्थानीय सत्ताधारी दल के नेताओं से निवेदन किया कि इस मांग को शीर्ष नेतृत्व तक पहुंचाए। कहा कि 15 दिनों में क्रमिक अनशन के बाद भी मांग पूरी नहीं होती तो विभिन्न स्थानों पर जुलूस प्रदर्शन व आमरण अनशन शुरू किए जाएंगे। वहीं किसान सभा के प्रदेश उपाध्यक्ष राजाराम सेमवाल ने आंदोलन का समर्थन देते हुए कहा कि किसी स्वस्थ समाज की कल्पना तभी संभव है, जब वहां जीवन से जुड़ी आवश्यक सेवाएं विकसित हों। त्रियुगीनारायण सीमांत गांव होने के साथ ही पर्यटन व तीर्थाटन की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण स्थल है। प्रदेश बनने के दो दशक बाद भी यहां अभी तक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध नहीं हो सकी हैं, जो चिताजनक विषय है। इस मौके पर पूजा देवी, चम्पा देवी, सुशीला देवी, बबीता देवी, रेखा देवी, सुभागा देवी, शांता देवी, सुभाष चंद्र, विचित्रनारायण, दिवाकर गैरोला, केशरी प्रसाद, जयप्रकाश, विजय प्रसाद, सतीश चंद्र सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे।

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