पूरी रात सो नहीं पाए नदी किनारे रहने वाले लोग

संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: तीन दिन से लगातार हुई बारिश से पैदा हुए हालात ने एक बार फिर वर्ष 2013 की

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Oct 2021 06:36 PM (IST) Updated:Tue, 19 Oct 2021 06:36 PM (IST)
पूरी रात सो नहीं पाए नदी किनारे रहने वाले लोग
पूरी रात सो नहीं पाए नदी किनारे रहने वाले लोग

संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: तीन दिन से लगातार हुई बारिश से पैदा हुए हालात ने एक बार फिर वर्ष 2013 की केदारनाथ आपदा की याद को ताजा कर दिया। नदियों के जलस्तर में हुई बढ़ोत्तरी का खौफ ऐसा था कि नदी किनारे रहने वाले लोग पूरी रात जागते रहे। नदी का जलस्तर एकाएक खतरे के निशान के पार होने से दहशत और बढ़ गई।

17 अक्टूबर व 18 अक्टूबर को लगातार हुई बारिश ने केदारघाटी को खौफजदा कर दिया। लगातार बारिश से हाईवे पर पत्थरों की बरसात होने लगी, वहीं मंदाकिनी व अलकनंदा नदी का जलस्तर में एकाएक बढ़ोत्तरी ने नदी किनारे रहने वाले व्यक्तियों में खौफ पैदा कर दिया। सोमवार रात्रि मंदाकिनी व अलकनंदा नदी का जलस्तर बढ़ने से सोनप्रयाग, चंद्रापुरी, विजयनगर, अगस्त्यमुनि, सिल्ली, तिलवाड़ा, सुमाड़ी, रुद्रप्रयाग समेत गुप्तकाशी-कुंडसे लेकर रुद्रप्रयाग तक लोग रतजगा करते रहे। प्रशासन के अधिकारी भी पूरी रात लाउडस्पीकर से नदी किनारे रहने वालों को सचेत करते रहे।

वर्ष 2013 में केदारनाथ आपदा के दौरान 16 व 17 जून को मंदाकिनी व अलकनंदा नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया था। विजयनगर, सुमाड़ी, तिलबाड़ा, गबनी गांव, सिल्ली समेत कई स्थानों पर पांच सौ से अधिक लोग बेघर हो गए थे। आठ वर्ष बाद फिर से केदारघाटी के व्यक्तियों की यादें ताजा हो गई। हालांकि मंगलवार को दोपहर बाद बारिश बंद होने से काफी राहत मिली।

केदारनाथ आपदा प्रभावित रमेश बैंजवाल ने कहा कि मंदाकिनी का जलस्तर खतरे के निशाने से ऊपर बहने से सिल्ली के सभी आपदा प्रभावित परिवारों में खौफ पैदा हो गया। मंगलवार को बारिश थमने के बाद जरूर राहत महसूस हुई। चंद्रापुरी के आपदा प्रभावित रोशन रावत ने भी कहा कि मंदाकिनी नदी का जलस्तर अचानक बढ़ने से पूरे क्षेत्र में लोग डर गए थे। केदारनाथ आपदा के दौरान भी नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया था।

वहीं जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी एनएस रजवाल ने बताया कि नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है। नदी किनारे रहने वालों को पूरी रात प्रशासन की ओर से सचेत किया गया तथा सुरक्षित स्थानों पर जाने को कहा गया।

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नदी,जलस्तर, खतरे का निशान

मंदाकिनी-626.10,626

अलकनंदा 627.85,627

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