रुद्रप्रयाग में 23 साल बाद भी ट्रामा सेंटर नहीं

संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: रुद्रप्रयाग को जनपद बने भले ही 23 वर्ष से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन आज

By JagranEdited By: Publish:Wed, 28 Jul 2021 03:00 AM (IST) Updated:Wed, 28 Jul 2021 03:00 AM (IST)
रुद्रप्रयाग में 23 साल बाद भी ट्रामा सेंटर नहीं
रुद्रप्रयाग में 23 साल बाद भी ट्रामा सेंटर नहीं

संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: रुद्रप्रयाग को जनपद बने भले ही 23 वर्ष से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन आज तक जिला मुख्यालय में ट्रामा सेंटर स्थापित नहीं हो सका है। ऐसे में दुर्घटना में घायल मरीजों का उपचार जिला चिकित्सालय में किया जाता है, जहां घायलों को तमाम दिक्कत का सामना करना पड़ता है।

रुद्रप्रयाग जनपद का गठन वर्ष 1997 में तत्कालीन उत्तर प्रदेश की मायावती सरकार ने किया था। स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने का दावा तो किया गया, लेकिन यहां ट्रामा सेंटर बनाने की जहमत नहीं उठाई गई। जबकि जनपद रुद्रप्रयाग चारधाम यात्रा का मुख्य पड़ाव होने के साथ ही आपदा के लिहाज से भी संवेदनशील है।

चमोली जनपद के गोचर, कर्णप्रयाग क्षेत्रों से भी जिला चिकित्सालय में ही घायलों को उपचार के लिए लाया जाता है। सीएमओ दिग्विजय सिंह रावत ने बताया कि वर्तमान में जिला चिकित्सालय में ही घायल मरीजों का उपचार किया जाता है, जिससे अन्य मरीजों के उपचार में दिक्कत होती है।इस अस्पताल में रुद्रप्रयाग जिले के साथ ही चमोली जनपद से भी बड़ी संख्या में घायल पहुंचते हैं, जिनका सीमित संसाधनों के बावजूद उपचार किया जाता है। हालांकि स्थिति गंभीर होने पर संबंधित मरीजों को श्रीनगर बेस चिकित्सालय रेफर कर दिया जाता है।

कोटेश्वर अस्पताल में बनेगा ट्रामा सेंटर

जिला चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक दिग्विजय सिंह रावत ने बताया कि ट्रामा सेंटर के रूप में कोटेश्वर अस्तपाल को विकसित करने की योजना है। वर्तमान में यहां कोविड अस्पताल बनाया गया है, जिसे कोरोना समाप्ति के बाद ट्रामा सेंटर के रूप में विकसित किया जाएगा। यहां पर पर्याप्त जगह भी उपलब्ध है। इन सभी सुविधाओं को देखते हुए ट्रामा सेंटर के रूप में विकसित करने की योजना बनाई जा रही है।

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