शीतकालीन गद्दी पर विराजमान हुए बाबा मध्यमेश्वर

पंचकेदार में द्वितीय भगवान मध्यमेश्वर विभिन्न पड़ावों पर प्रवास के बाद गुरुवार को ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में अपनी शीतकालीन गद्दी पर विराजमान हो गए। इससे पूर्व ऊखीमठ पहुंचने पर बाबा की चल विग्रह उत्सव डोली का सैकड़ों श्रद्धालुओं ने जोरदार स्वागत किया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 25 Nov 2021 09:21 PM (IST) Updated:Thu, 25 Nov 2021 09:21 PM (IST)
शीतकालीन गद्दी पर विराजमान हुए बाबा मध्यमेश्वर
शीतकालीन गद्दी पर विराजमान हुए बाबा मध्यमेश्वर

संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: पंचकेदार में द्वितीय भगवान मध्यमेश्वर विभिन्न पड़ावों पर प्रवास के बाद गुरुवार को ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में अपनी शीतकालीन गद्दी पर विराजमान हो गए। इससे पूर्व, ऊखीमठ पहुंचने पर बाबा की चल विग्रह उत्सव डोली का सैकड़ों श्रद्धालुओं ने जोरदार स्वागत किया।

मध्यमेश्वर धाम के कपाट 22 नवंबर को बंद हुए थे। इसके बाद बाबा की चल विग्रह उत्सव डोली पहले दिन गौंडार, दूसरे दिन रांसी व तीसरे दिन गिरिया पहुंची। गुरुवार सुबह पहले पुजारी और फिर गिरिया के ग्रामीणों ने पूजा-अर्चना के बाबा को भोग लगाया। ठीक आठ बजे जैसे ही डोली ऊखीमठ के लिए रवाना हुई, बाबा के जयघोष से वातावरण शिवमय हो गया। डोली का फाफंज, मंगोली, ब्राह्मणखोली, डंगवाड़ी आदि स्थानों पर ग्रामीणों ने पुष्प व अक्षत से स्वागत किया। साथ ही बाबा को अ‌र्घ्य देकर सुख-समृद्धि व शांति की कामना की। जबकि, महिलाओं ने मंगल गायन किया।

परंपरा के अनुसार डोली की अगुआई के लिए केदारनाथ के रावल भीमाशंकर लिंग के प्रतिनिधि केदार लिंग ऊखीमठ से दो किमी पहले मंगोलचारी पहुंचे। वहां उन्होंने डोली पर सोने का छत्र लगाया। इसके बाद डोली ब्राह्मणखोली व डंगवाड़ी होते हुए दोपहर दो बजे ओंकारेश्वर धाम पहुंची। मंदिर की एक परिक्रमा के बाद डोली को सभामंडप में रखकर बाबा की भोग मूर्ति को पुष्प रथ में विराजमान किया गया। मंदिर की पांच परिक्रमा के बाद पुष्प रथ को पुन: सभामंडप में विराजमान किया गया और फिर भोग मूर्ति शीतकाल के लिए मंदिर के गर्भगृह में स्थापित कर दी गई है।

इस मौके पर पूर्व विधायक आशा नौटियाल, ब्लाक प्रमुख श्वेता पांडे, उत्तराखंड चारधाम देवास्थानम प्रबंधन बोर्ड के अपर कार्याधिकरी बीडी सिंह, मंदिर सुपरवाइजर युद्धवीर पुष्पाण, पुजारी शिव शंकर लिंग, बागेश लिंग, गंगाधर लिंग, वेदपाठी विश्वमोहन जमलोकी, मृत्युंजय हीरेमठ, नवीन मैठाणी, यशोधर मैठाणी, व्यापार संघ के राजीव भट्ट समेत बड़ी तादाद में हक-हकूकधारी व श्रद्धालु मौजूद रहे।

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