शीतकालीन गद्दीस्थल में विराजमान हुए भगवान तुंगनाथ

संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: पंचकेदारों में शामिल तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ सोमवार को अपने शीतकालीन गद

By JagranEdited By: Publish:Mon, 01 Nov 2021 10:35 PM (IST) Updated:Mon, 01 Nov 2021 10:35 PM (IST)
शीतकालीन गद्दीस्थल में विराजमान हुए भगवान तुंगनाथ
शीतकालीन गद्दीस्थल में विराजमान हुए भगवान तुंगनाथ

संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: पंचकेदारों में शामिल तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ सोमवार को अपने शीतकालीन गद्दीस्थल मार्केडेय मंदिर मक्कूमठ में विराजमान हो गए। शीतकाल के छह माह तक विधिवत रूप से यहीं पर भगवान तुंगनाथ की पूजा-अर्चना होगी। वहीं चल विग्रह उत्सव डोली के मक्कूमठ आगमन पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, कृषि मंत्री सुबोध उनियाल समेत सैकड़ों श्रद्धालुओं ने पुष्पवर्षा कर डोली का स्वागत किया। भक्तों के जयकारों से क्षेत्र का वातावरण शिवमय हो गया।

बीते शनिवार को तृतीय केदार तुंगनाथ के कपाट बंद होने के बाद भगवान की उत्सव डोली प्रथम पड़ाव के लिए चोपता पहुंची थी। रविवार को चोपता से प्रस्थान कर रात्रि पड़ाव के लिए भनकुंड पहुंची। सोमवार को भनकुंड में पंचाग पूजन के साथ भगवान तुंगनाथ की विशेष पूजा-अर्चना की गई। पौराणिक परंपरा के अनुसार भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली को भोग अर्पित किया गया। ठीक दस बजे उत्सव डोली भनकुंड से अपने शीतकालीन गद्दीस्थल मक्कूमठ के लिए रवाना हुई तथा विभिन्न स्थानों पर ग्रामीणों ने पुष्प व अक्षतों से डोली का भव्य स्वागत किया। राकेश्वरी नदी के किनारे पहुंचने पर भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली ने गंगा स्नान किया। उत्सव डोली खेत-खलिहानों में नृत्य करते हुए मक्कूमठ बस स्टेशन पर ज्यों ही पहुंची, श्रद्धालुओं के जयकारों से माहौल भक्तिमय हो गया। ठीक साढ़े 12 बजे दोपहर भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली अपने शीतकालीन गद्दीस्थल पहुंची तथा मुख्य मंदिर की तीन परिक्रमा की तथा भूतनाथ मंदिर में शीश नवाकर अपने शीतकालीन गद्दी के परिसर में विराजमान हुई। इस मौके पर ग्रामीणों ने सामूहिक अर्ग अर्पित किया। इस मौके पर तृतीय केदार तुंगनाथ दर्शन यू ट्यूब चैनल का लोकार्पण भी किया गया। डोली के मक्कूमठ आगमन पर दिल्ली हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता संजय शर्मा दरमोड़ा ने श्रदालुओं के लिए भंडारे का आयोजन किया। इस अवसर पर मठापति राम प्रसाद मैठाणी, आचार्य लम्बोदर प्रसाद मैठाणी, ओंकारेश्वर मन्दिर के प्रधान पुजारी शिव शंकर लिग, प्रभारी अधिकारी आरसी तिवारी, डोली प्रभारी प्रकाश पुरोहित, प्रबंधक बलवीर नेगी, अतुल मैठाणी, मुकेश मैठाणी, प्रकाश मैठाणी आदि मौजूद थे।

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भैरवनाथ के कपाट आज बंद होंगे

रुद्रप्रयाग: केदारनाथ के रक्षक के रूप में पूजे जाने वाले भगवान भैरवनाथ के कपाट मंगलवार को पौराणिक रीतिरिवाजों के साथ शीतकाल के छह माह के लिए बंद किए जाएंगे। केदारनाथ के कपाट बंद होने से पहले मंगलवार व शनिवार को भैरवनाथ के कपाट बंद होने की परंपरा है। वहीं चारधाम देवस्थानम बोर्ड की ओर से सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।

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