घोड़ा-खच्चर व डंडी-कंडी का पंजीकरण कल से

संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: केदारनाथ यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले घोड़ा-खच्चर एवं डंडी-कंड

By JagranEdited By: Publish:Wed, 24 Apr 2019 03:00 AM (IST) Updated:Wed, 24 Apr 2019 06:31 AM (IST)
घोड़ा-खच्चर व डंडी-कंडी का पंजीकरण कल से
घोड़ा-खच्चर व डंडी-कंडी का पंजीकरण कल से

संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: केदारनाथ यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले घोड़ा-खच्चर एवं डंडी-कंडी का पंजीकरण गुरुवार से शुरू होगा। इसको लेकर जिला पंचायत एवं पशुपालन विभाग तैयारियों में जुट गया है। पशुपालन विभाग के स्वास्थ्य परीक्षण के आधार पर घोड़ा-खच्चरों का पंजीकरण होगा। इसके अलावा पशु संचालक स्वामी व मजदूरों को अपना पंजीकरण करना भी आवश्यक होगा।

आगामी नौ मई को विश्व प्रसिद्ध धाम केदारनाथ के कपाट आम श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ दर्शनार्थ खोल दिए जाएंगे। यात्रा की तमाम तैयारियों को लेकर शासन-प्रशासन की ओर से तैयारियां शुरू कर दी गई है। प्रतिवर्ष की भांति इस बार भी केदारनाथ यात्रा शुरू होने से पहले केदारनाथ धाम के लिए घोड़ा-खच्चरों का पंजीकरण किया जाता है। घोड़ा-खच्चर मालिकों को अपने पशु का स्वास्थ्य परीक्षण के बाद ही जिला पंचायत की ओर से 25 अप्रैल से पंजीकरण किया जाएगा। जिला पंचायत घोड़े की लाइसेंस फीस 250 रुपये एवं संबंधित पशु मालिक व मजदूर का 36 रुपये का बीमा प्रीमियम रखा गया है। इस बार डंडी-कंडी की दरों में 20 से 30 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की गई। जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी जेपी आर्य ने बताया कि आगामी 25 अप्रैल से केदारनाथ यात्रा के लिए पंजीकरण का कार्य शुरू किया जाएगा। इसको लेकर जिला पंचायत की ओर से तैयारियां शुरू कर दी हैं।

वहीं पशुपालन विभाग घोड़ा खच्चरों के लिए मेडिकल रिलीफ सेंटर की स्थापना करेगा। जहां पर घोड़ा-खच्चरों के लिए मेडिकल कैंप स्थापित किए जाएंगे। सोनप्रयाग, गौरीकुंड, लिनचौली, केदारनाथ के साथ ही जिले में 15 पशु चिकित्सालयों पर घोड़ा खच्चरों की जांच की जाएगी। तथा जांच के उपरांत उनका मेडिकल प्रमाण पत्र दिया जाएगा। बिना स्वास्थ्य परीक्षण के किसी भी घोड़े खच्चर को केदारनाथ जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. रमेश नितवाल ने बताया कि केदारनाथ यात्रा पर चलने वाले घोडा-खच्चर मालिकों को अपने पशुओं का स्वास्थ्य परीक्षण करना होगा। इसके लिए सोनप्रयाग से केदारनाथ तक चार मेडिकल रिलीफ सेंटर बनाए गए हैं। जहां पर घोड़ा खच्चरों की नियमित जांचे होंगी।

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