प्रशासन ने केदारनाथ पैदल मार्ग पर आवाजाही पर लगाई रोक
लगातार हो रही बारिश से गंगा-यमुना अलकनंदा और पिंडर नदी का जल स्तर बढ़ रहा है।
जागरण टीम, गढ़वाल: लगातार हो रही बारिश से गंगा-यमुना, अलकनंदा और पिंडर नदी का जल स्तर बढ़ रहा है। सभी जिलों के प्रशासन ने नदी के किनारे बसे ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान पर जाने को कहा है। चमोली में मलबा आने से बदरीनाथ मार्ग कर्णप्रयाग-ग्वालदम, कर्णप्रयाग-बदरीनाथ सहित कर्णप्रयाग-गैरसैंण हाईवे जगह-जगह बंद है। जबकि, उत्तरकाशी में यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर शनिवार सुबह धरासू के निकट भूस्खलन होने से चार घंटे तक बंद रहा।
रुद्रप्रयाग में गौरीकुंड व बदरीनाथ हाईवे के साथ ही केदारनाथ पैदल मार्ग पर भी भारी तबाही मचाई है। बदरीनाथ हाईवे पूरे दिन अवरुद्ध रहा, जबकि गौरीकुंड हाईवे भी मलबा आने से अवरुद्ध रहा। केदारनाथ पैदल मार्ग कई स्थानों पर अवरुद्ध हो गया है, प्रशासन ने सुरक्षा के दृष्टिगत केदारनाथ पैदल मार्ग पर आवाजाही पर रोक लगा दी है। वहीं अलकनंदा नदी का जलस्तर बढ़ने से रुद्रप्रयाग-जवाड़ी बाईपास बीआरओ का पुल भी बह गया है। टिहरी में ब्यासी के पास ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे आज भी बंद रहा, जबकि देवप्रयाग में गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।
गोपेश्वर: भारी बारिश से कर्णप्रयाग ग्वालदम, ऋषिकेश बदरीनाथ व जोशीमठ मलारी राष्ट्रीय राजमार्ग अभी भी अवरुद्ध चल रहे हैं। ऋषिकेश बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग भूस्खलन से सात से अधिक स्थानों पर अवरुद्ध हो गया था। सुबह सीमा सड़क संगठन व अन्य निर्माण एजेंसियों ने जगह जगह मलबा हटाने में जुटी हैं। यह हाईवे क्षेत्रपाल, कौड़िया, छिनका, गुलाबकोटी में खोलकर वाहनों की आवाजाही सुचारू कर दी गई है। हालांकि लंगासू, कंचनगंगा, रड़ांग बैंड, लामबगड़, हाथी पर्वत, पागलनाला में हाईवे अभी भी बंद है। सीमा सड़क संगठन व एनएच हाईवे से मलबा हटाया जा रहा है। कर्णप्रयाग ग्वालदम हाईवे नलगांव व आमसौड़ में अभी भी अवरुद्ध चल रहा है। आमसौड़ में बीती रात को राहगीरों को वाहनों में ही रात गुजारनी पड़ी। वाहन में रात गुजारने वाले कोठा थराली निवासी रमाकांत पुरोहित का कहना है कि वह कर्णप्रयाग से अपने परिवार को थराली ले जा रहे थे। आमसौड़ में दूरसंचार सुविधा न होने के कारण संपर्क नहीं हो पाया। नायब तहसीलदार सुरेंद्र सिंह देव ने बताया कि प्रशासन ने फंसे हुए व्यक्तियों के लिए भोजन व रहने की व्यवस्था की गई है। जोशीमठ मलारी हाईवे रैंणी में बंद है। यहां पर वैकल्पिक पैदल मार्ग से आवाजाही कराई जा रही है।
कर्णप्रयाग: कर्णप्रयाग-ग्वालदम, कर्णप्रयागा-बदरीनाथ सहित कर्णप्रयाग-गैरसैंण राजमार्गों पर जगह-जगह भूस्खलन होने से आवागमन थम गया है वहीं कई वाहन जाम में फंसे हुए हैं। कर्णप्रयाग में अलकनंदा व पिडर नदियां उफान पर होने से पुलिस प्रशासन रातभर मुनादी कर तट तट व भूस्खलित क्षेत्र में रहने वालों को सतर्क करता रहा। इस बीच अलकनंदा व पिडर का जलस्तर बढ़ने से नमामि गंगे के तहत करोड़ों से पोखरी पुल व संगम पर तैयार शवदाह व स्नानाघाट, शौचालय पानी में जलमग्न हो गए और सुरक्षा को लगी स्टील की गार्डर पानी के तेज बहाव में क्षतिग्रस्त हो गई वहीं बीते वर्ष नगर के सात नालों को टेप कर तैयार सीवर प्लांट के पाइप व चैंबर पानी व मलबे से भर गए जबकि सीवर प्लांट के भीतर भी पानी प्रवेश कर गया। अतिवृष्टि के चलते नगर क्षेत्र कर्णप्रयाग में सहकारी समिति का भवन भूस्खलन के चलते तीन भवनों को भी खतरे की आशंका के मद्देनजर प्रशासन ने खाली कराकर सुरक्षित स्थानों पर रहने की व्यवस्था की है।
रुद्रप्रयाग: बारिश ने गौरीकुंड व बदरीनाथ हाईवे के साथ ही केदारनाथ पैदल मार्ग पर भी भारी तबाही मचाई है। बदरीनाथ हाईवे पूरे दिन अवरुद्ध रहा, जबकि गौरीकुंड हाईवे भी मलबा आने से शनिवार को अवरुद्ध रहा। केदारनाथ पैदल मार्ग कई स्थानों पर अवरुद्ध हो गया है, प्रशासन ने सुरक्षा के दृष्टिगत केदारनाथ पैदल मार्ग पर आवाजाही पर रोक लगा दी है। वहीं अलकनंदा नदी का जलस्तर बढ़ने से रुद्रप्रयाग-जवाड़ी बाईपास का पुल भी बह गया है। नरकोटा में भारी मलबा व बोल्डर आने से अवरुद्ध है। केदारनाथ पैदल मार्ग भी भारी बारिश से कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त हो गया है। जंगलचट्टी, भीमबली, लिनचोली के पास कई स्थानों में पैदल मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया है। यहां पर आवाजाही करना संभव नहीं है। जिसको देखते हुए प्रशासन ने आवाजाही पर फिलहाल रोक लगा दी है।
नई टिहरी: ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर ब्यासी के पास मलबा आने से दूसरे दिन भी हाईवे बंद रहा। यहां पर बीती शुक्रवार से हाईवे बाधित है । प्रशासन ने ऋषिकेश-खाड़ी-गजा होते हुए देवप्रयाग से रूट डायवर्ट किया गया है। हाईवे बंद होने से क्षेत्रवासियों को लंबा सफर तय करना पड़ रहा है। मार्ग खोलने के लिए यहां पर दो जेसीबी मशीन लगाई गई है,लेकिन बारिश के कारण पहाड़ी से लगातार गिर रहा मलबा व बोल्डर कारण मलबा हटाने में परेशानी हो रही है। बंद पड़ी सड़कों में गहड़ पल्या, गजा-तमियार, गोर्ती, बनाली-तल्ली, हिडोलाखाल-शिवपुरी- क्यारी, ज्वारना-कंस्यूल, कलेथ- क्यारदा शामिल हैं। देवप्रयाग में गंगा खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है। देवप्रयाग में 464.00 मीटर पर गंगा बह रही है जबकि 463 से ऊपर खतरे का निशान है। संगम स्थल भी पानी मे डूबा है।
उत्तरकाशी: बारिश के कारण यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर शनिवार सुबह धरासू के निकट भूस्खलन हुआ। यहां करीब राजमार्ग चार घंटे तक बंद रहा। जबकि जनपद के पांच संपर्क मार्ग बंद हैं। जिनमें धरासू देवीसौड़ जोगत मोटर मार्ग, कुंजन तिहार, भंकोली अगोड़ा, जोगत मल्ला और खरसाड़ी जीवाणू मोटर मार्ग बंद हैं। इन संपर्क मार्गों के बंद होने से पांच गांवों का संपर्क कटा हुआ है। वहीं जनपद हुई बारिश के कारण भागीरथी का जल स्तर चेतावनी तल से डेढ़ मीटर नीचे है। टौंस नदी का जल स्तर चेतावनी तल से 0.60 मीटर नीचे है।