आइटीआइ के संचालन को लेकर क्रमिक अनशन शुरू

संवाद सहयोगी रुद्रप्रयाग राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान चिरबटिया (आइटीआइ) को पुन संचालित

By JagranEdited By: Publish:Sat, 18 Sep 2021 05:25 PM (IST) Updated:Sat, 18 Sep 2021 05:25 PM (IST)
आइटीआइ के संचालन को लेकर क्रमिक अनशन शुरू
आइटीआइ के संचालन को लेकर क्रमिक अनशन शुरू

संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान चिरबटिया (आइटीआइ) को पुन: संचालित करने की मांग को लेकर स्थानीय जन ने क्रमिक अनशन शुरू कर दिया है। पिछले दो वर्षो से संस्थान बंद होने से स्थानीय जन में खासा रोष बना हुआ है। आंदोलनकारियों ने कहा कि यदि शीघ्र संस्थान का संचालन शुरू नहीं होता है, तो सांकेतिक चक्काजाम और भूख हड़ताल शुरू की जाएगी। राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान संघर्ष समिति के बैनर तले चिरबिटिया में संस्थान फिर से शुरू करने को लेकर स्थानीय जन ने क्रमिक अनशन शुरू किया है। पहले दिन समिति के अध्यक्ष सैन सिंह मेहरा, जन विकास संस्थान चिरबिटिया के अध्यक्ष बैसाखी लाल, प्रधान लुठियाग दिनेश सिंह कैंतुरा, पूर्व प्रधान प्रेम सिंह, कमल सिंह क्रमिक अनशन पर बैठे। आंदोलनकारियों ने कहा कि क्षेत्र में वर्ष 1992 में आइटीआइ की स्थापना हुई थी। 29 वर्षो से स्थापित आइटीआइ को वर्ष 2019 में सरकार ने बंद कर दिया। जबकि आइटीआइ भवन निर्माण के लिए स्थानीय जन ने लुठियाग-चिरबिटिया में करीब 20 नाली जमीन भी दी गई। कहा कि वर्तमान में किराये के भवन में आइटीआइ संचालित हो रहा था। सरकार ने भवन न होने की बात कहकर आइटीआइ को बंद कर दिया। जबकि चिह्नित जमीन पर भवन के लिए पैसा भी स्वीकृत हो गया था। लगातार शासन से पत्राचार के बावजूद आइटीआइ शुरू नहीं किया गया। ऐसे में ग्रामीणों को आंदोलन का निर्णय लेना पड़ा। प्रदेश सरकार व्यावसायिक संस्थानों को बंद करने पर तुली हुई है। ऐसे में युवाओं को व्यावसायिक शिक्षा के लिए भटकना पड़ रहा है। आइटीआइ में पर्याप्त मशीन और स्टाफ मौजूद है। इस संस्थान का लाभ रुद्रप्रयाग के साथ ही टिहरी जनपद के युवाओं को मिल रहा था।

वहीं, उक्रांद के युवा नेता मोहित डिमरी ने ग्रामीणों के आंदोलन को समर्थन दिया। उन्होंने कहा कि आज ग्रामीणों के लिए अपने हक की लड़ाई के लिए आंदोलन करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार व्यावसायिक प्रशिक्षण संस्थानों को बंद कर यहां के युवाओं का भविष्य चौपट करना चाहती है। इस मौके पर प्रधान तयूंखर दर्शनी देवी पंवार, विक्रम पंवार, बीरेंद्र कंडवाल, अर्जुन मेहरा, गुमान सिंह कैंतुरा, प्रधान पालकुराली कमला देवी, प्रधान प्रतिनिधि रतन सिंह रावत, अमर सिंह कैंतुरा, उपाध्यक्ष ग्राम प्रधान तितराना वीरेंद्र सिंह आदि मौजूद रहे।

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