कलाकारों को मिले सरकारी नियुक्ति में विशेष छूट : प्रीतम

पद्मश्री प्रीतम भरतवाण ने कहा कि ढोल-दमाउ बजाने वाले कलाकारों को सरकारी विभागों में नियुक्तियों में सरकार को विशेष छूट देनी चाहिए। प्रीतम भरतवाण ने कहा कि स्कूलों के पाठ्यक्रम और शिक्षण व्यवस्था के साथ ही पर्यटन क्षेत्र के माध्यम से उत्तराखंड की संस्कृति का व्यापक प्रचार-प्रसार भी हो सकता है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 26 Jul 2021 11:22 PM (IST) Updated:Mon, 26 Jul 2021 11:22 PM (IST)
कलाकारों को मिले सरकारी नियुक्ति में विशेष छूट : प्रीतम
कलाकारों को मिले सरकारी नियुक्ति में विशेष छूट : प्रीतम

जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल:

पद्मश्री प्रीतम भरतवाण ने कहा कि ढोल-दमाउ बजाने वाले कलाकारों को सरकारी विभागों में नियुक्तियों में सरकार को विशेष छूट देनी चाहिए। प्रीतम भरतवाण ने कहा कि स्कूलों के पाठ्यक्रम और शिक्षण व्यवस्था के साथ ही पर्यटन क्षेत्र के माध्यम से उत्तराखंड की संस्कृति का व्यापक प्रचार-प्रसार भी हो सकता है।

सोमवार को रास डिजीटल मार्ट के बैनर तले पहाड़ की संस्कृति और रंगमंच को विश्व पटल पर लाने को लेकर डिजीटल भारत योजना के तहत वेबिनार का आयोजन किया गया। गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय एल्युमिनाई एसोसिएशन के महासचिव महिपाल सिंह रावत और गढ़वाल केंद्रीय विवि के पूर्व छात्र पवन कुमार कोठियाल की ओर से इसका आयोजन किया गया। इस दौरान उत्तराखंड की संस्कृति पर 14 सालों तक कार्य कर चुके सिसिनाटी यूनिवर्सिटी नार्थ वेस्ट अमेरिका के प्रोफेसर. स्टेफान फियोल ने कहा कि उत्तराखंड की संस्कृति और बोली बहुत समृद्ध है। इसे विश्व स्तर पर ले जाने का कार्य प्राथमिकता से किया जाना चाहिए। गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के लोक संस्कृति विभाग के अध्यक्ष और वरिष्ठ रंगकर्मी प्रो. डीआर पुरोहित ने कहा कि यह अभियान प्रदेश सरकार की प्राथमिकता भी होनी चाहिए। उत्तराखंड के गांव-गांव में ऐसे विशिष्ट कलाकार और प्रतिभाएं हैं जिनकी प्रतिभा विश्व पटल पर धूम मचा सकती है। महिपाल सिंह रावत ने कहा कि पहाड़ के प्रतिभाशाली कलाकारों के लिए डिजीटल चैनल बहुत लाभकारी भी हो सकते हैं। संस्कृति प्रेमी प्रो. एसपी काला ने कहा कि पहाड़ के कलाकारों की प्रतिभा को विश्व पटल पर लाने के लिए आधुनिक तकनीक के साथ ही सामूहिक प्रयास भी जरूरी हैं।

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