रतजगा करते रहे नदी किनारे रह रहे परिवार

संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: अलकनंदा और मंदाकिनी नदी के जलस्तर में हुई भारी बढ़ोत्तरी ने एक बार फिर आठ

By JagranEdited By: Publish:Sat, 19 Jun 2021 09:30 PM (IST) Updated:Sat, 19 Jun 2021 09:30 PM (IST)
रतजगा करते रहे नदी किनारे रह रहे परिवार
रतजगा करते रहे नदी किनारे रह रहे परिवार

संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: अलकनंदा और मंदाकिनी नदी के जलस्तर में हुई भारी बढ़ोत्तरी ने एक बार फिर आठ साल पुरानी केदारनाथ त्रासदी की याद को ताजा कर दिया। दोनों नदियों के किनारे रहने वाले व्यक्तियों ने शुक्रवार रात बिन सोए ही गुजारी। शनिवार भी पूरे दिनभर लोग दहशत में रहे। दोनों नदियां खतरे के निशान से दो मीटर ऊपर बह रही थी। रुद्रप्रयाग में अब तक पचास से अधिक घरों में नदी का पानी घुस चुका है।

ठीक आठ वर्ष पूर्व 16 व 17 जून को अलकनंदा व मंदाकिनी नदियों के जलस्तर में भारी बढ़ोत्तरी हो गई थी, जिससे नदी किनारे वाले कस्बों को भारी नुकसान पहुंचा था, जिसमें केदारनाथ, रामबाड़ा, सोनप्रयाग, स्यालसौड, चंद्रापुरी, विजयनगर, सिल्ली, सुमाड़ी व तिलबाड़ा मुख्य रूप से शामिल थे। गौरीकुंड हाईवे पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था। चार सौ से अधिक लोग बेघर हो गए थे। वर्तमान में भी अलकनंदा व मंदाकिनी नदी का जलस्तर खतरे के निशान से दो मीटर ऊपर बह रहा है और लगातार बारिश से जलस्तर में बढ़ोत्तरी हो रही है। यदि बारिश लगातार होती रही तो वर्ष 2013 जैसी डरावनी स्थिति हो सकती है। वर्ष 2013 में खतरे के निशान से 12 मीटर ऊपर तक जलस्तर बढ़ गया था।

नदियों का जलस्तर बढ़ने से रुद्रप्रयाग जिले में 100 से अधिक परिवार अपना घर छोड़ सुरक्षित स्थानों पर चले गए हैं। प्रशासन की ओर से भी शुक्रवार रात्रि नदी किनारे रह रहे व्यक्तियों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने का प्रयास किया जाता रहा। केदारनाथ आपदा से पीड़ित सिल्ली निवासी रमेश बेंजवाल बताते हैं कि 2013 के बाद एक बार फिर से मंदाकिनी नदी का रौद्र रूप देखा, जिससे पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल बना है। लगातार जलस्तर में बढ़ोत्तरी हो रही है। यदि बारिश नहीं रुकी तो एक बार फिर से तबाही हो जाएगी। तिलबाड़ा के आपदा पीड़ित सुरेश बताते हैं कि मंदाकिनी नदी को देखकर एक बार फिर से केदारनाथ त्रासदी की याद आ गई। बारिश लगातार होने से डर का माहौल है।

वहीं जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी एनएस रजवाल का कहना है कि नदी में जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है। नदी किनारे रह रहे परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है।

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नदी,जलस्तर,खतरे का निशान

मंदाकिनी,627.80 मीटर,626 मीटर

अलकंनदा,629.50 मीटर,627 मीटर

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