Chardham Yatra: केदारनाथ यात्रा की राह में बाधा बन सकती है भारी बर्फबारी

लगातार हो रही बर्फबारी केदारनाथ यात्रा की तैयारियों में अड़ंगा डाल सकती है। केदारपुरी में अब तक दस फीट से अधिक बर्फ जम चुकी है और फरवरी में भी बर्फबारी की संभावनाएं हैं।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Fri, 31 Jan 2020 06:00 AM (IST) Updated:Fri, 31 Jan 2020 08:14 AM (IST)
Chardham Yatra: केदारनाथ यात्रा की राह में बाधा बन सकती है भारी बर्फबारी
Chardham Yatra: केदारनाथ यात्रा की राह में बाधा बन सकती है भारी बर्फबारी

रुद्रप्रयाग, बृजेश भट्ट। नवंबर से लगातार हो रही बर्फबारी केदारनाथ यात्रा की तैयारियों में अड़ंगा डाल सकती है। केदारपुरी में अब तक दस फीट से अधिक बर्फ जम चुकी है और फरवरी में भी बर्फबारी की संभावनाएं बनी हुई हैं। ऐसे में अप्रैल में शुरू होने वाली केदारनाथ यात्रा की तैयारियों का प्रभावित होना तय है। हालांकि, जिला प्रशासन अभी से यात्रा व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने में जुट गया है।

केदारपुरी में इस बार नवंबर से ही बर्फबारी का दौर शुरू हो गया था, जो जनवरी में भी बदस्तूर बना रहा। इसके चलते केदारनाथ पैदल मार्ग में कई स्थानों पर बीस फीट से अधिक बर्फ जम चुकी है। जबकि, मंदिर परिसर के आसपास दस फीट से अधिक बर्फ जमी हुई है। राज्य मौसम विज्ञान केंद्र की मानें तो अभी फरवरी में भी हिमपात जारी रहेगा। जिससे बर्फ और अधिक जमने की संभावना है।

गौरीकुंड से आगे केदारनाथ तक पूरा पैदल मार्ग बर्फ से अटा पड़ा है। बीते 40 वर्षों में ऐसा पहली बार हो रहा है। केदारनाथ धाम के वयोवृद्ध तीर्थ पुरोहित श्रीनिवास पोस्ती बताते हैं कि वर्ष 1983 में केदारपुरी में जोरदार बर्फबारी हुई थी। जिससे केदारनाथ यात्रा पर काफी बुरा असर पड़ा था और तमाम मुश्किलें झेलते हुए यात्री केदारनाथ पहुंचे थे। बताया कि इस बार केदारनाथ यात्रा अप्रैल में ही शुरू हो जाएगी। दरअसल, बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि 30 अप्रैल तय हो चुकी है और परंपरा के अनुसार इससे पहले केदारनाथ के कपाट खोले जाते हैं। जाहिर है यात्रा की राह में बर्फबारी अवरोध खड़े करेगी।

भारी बर्फबारी के चलते केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्य कर रही वुड स्टोन कंस्ट्रक्शन कंपनी व जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सभी 150 मजदूर व कर्मचारी छह दिसंबर को गौरीकुंड लौट आए थे। फिलहाल धाम में बिजली, पानी व संचार समेत सभी आवश्यक सुविधाएं ठप हैं। इन्हें नए सिरे से बहाल करना होगा और ऐसा तभी संभव है, जब बर्फबारी पूरी तरह रुक जाए। इसके अलावा भारी बर्फबारी से भवनों व पैदल मार्ग को भी काफी नुकसान पहुंचने का अनुमान है।

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बोले अधिकारी

मंगेश घिल्डियाल (जिलाधिकारी, रुद्रप्रयाग) का कहना है कि प्रशासन जल्द एक टीम केदारनाथ भेज रहा है, जो बर्फबारी से हुए नुकसान का आकलन कर रिपोर्ट तैयार करेगी। इसी के आधार पर आगामी यात्रा के लिए तैयारियां शुरू की जाएंगी।

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